1. कार्बन-14 विधि के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर :- तिथि निर्धारण की वैज्ञानिक विधि को कार्बन-14 विधि कहा जाता है। इस विधि की खोज अमेरिका के प्रख्यात रसायनशास्री बी. एफ. लिंबी द्वारा सन 1946 ई. में की गई। इस विधि के अनुसार किसी भी जीवित वास्तु में कार्बन-12 (C-12) एवं कार्बन-14 समान मात्रा में पाया जाता है। मृत्यु अथवा विनाश की अवस्था में C-12 तो स्थिर रहता है, मगर C-14 का निरंतर क्षय होने लगता है। और फिर जिस पदार्थ में कार्बन-14 की मात्रा जितनी कम होती है, वह उतना ही प्राचीनतम माना जाता है।
2. हड़प्पा सभ्यता की जल निकास प्रणाली की दो विशेषतायें बतायें
उत्तर:- हड़प्पा सभ्यता की जल निकास प्रणाली काफी उत्तम थी। नगरों में नियोजित जल निकास प्रणाली आज के आधुनिक नगर योजना के जैसी थी। यहाँ के शहरो में घरों को, नालियों को एवं सड़कों का एक साथ नियोजित रूप से बनाया गया था। सड़कों की तरह नालियों भी एक दूसरे को समकोण पर काटती थी। घरों से पानी गली के नाली में आती थी फिर वहाँ से शहर के मुख्य नाली में जाती थी। नालियों में जगह-जगह चहबच्चे बने होते थे जिससे कूड़ा-कचरा मुख्य नाले में नहीं जाता था।
3. मोहनजोदड़ो से आप क्या समझते हैं?
उत्तर :- मोहनजोदड़ो का अर्थ मृतकों का टीला होता है। मोहनजोदड़ो को सिंध का बाग भी कहा जाता है। यहां की भूमि बहुत ही उपजाऊ थी | मोहनजोदड़ो को हड़प्पा की जुड़वा राजधानी के नाम से भी पुकारा जाता है | मोहनजोदड़ो हड़प्पा सभ्यता का सबसे बड़ा नगर है। हड़प्पा और मोहनजोदड़ो की बीच की दूरी 483 किलोमीटर है।
4. सिंधु घाटी सभ्यता के समकालीन दो सभ्यताओं के नाम बतायें।
उत्तर- सिन्धु घाटी सभ्यता के समकालीन दो सभ्यताएँ निम्नलिखित थी
(1) मिश्र की सभ्यता
(2)मेसोपोटामिया की सभ्यता
5. सिन्धुघाटी सभ्यता को हड़प्पा सभ्यता क्यों कहा जाता है?
उत्तर- सिंधु घाटी सभ्यता को हड़प्पा सभ्यता इसलिए कहा जाता है क्योंकि हड़प्पा नामक स्थान पर ही सन 1921 ईस्वी में दयाराम साहनी ने सिन्धु घाटी सभ्यता का उत्खनन करवाया था | इसलिए इसका नाम हड़प्पा सभ्यता पड़ा।
6. सिन्धु सभ्यता की कला का वर्णन कीजिए।
उत्तर- सिन्धु सभ्यता की कला अत्यंत रोचक और महत्वपूर्ण थी । हड़प्पा सभ्यता की सड़के पक्की इटो की बनी हुई थी यहाँ पर अनेकों मुहरें मुद्रायें प्राप्त हुई हैं, इन मुहरो से यहाँ की कला के विषय में जाना जा सकता है। इसके साथ ही मिट्टी और धातु की अनेक लघु मूर्तियाँ भी प्राप्त हुई हैं जिनसे तत्कालीन कला पर यथोचित
प्रकाश पड़ता है। हड़प्पाकालीन मोहरें, भवनावशेष तथा अनेक मूर्तियाँ सिन्धु
कला की मुख्य विशेषता है।
7. उत्खनन से आप क्या समझते हैं?
उत्तरः- उत्खनन उस प्रक्रिया को कहा जाता है जिसमें किसी पुराने टीले की खुदाड कर पुरानी सभ्यता की जानकारी हासिल की जाती है। इसमें प्राचीन कालीन पुरावशेष जैसे अभिलेख, मूर्तियाँ, सिक्के, भवन अवशेष आदि पाए जाते हैं। इसी के आधार पर इतिहासकार एवं पुरातत्त्ववेत्ता उसका काल निर्धारण करते हैं।
8. हड़प्पा लिपि के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर- हड़प्पा सभ्यता की लिपि भाव चित्रात्मक लिपि थी । आज तक कोई भी इतिहासकार इस लिपि को नहीं पढ़ पाया। यह लिपि की खास बात यह थी की पहली लाइन दाएं से बाएं और बाकी लाइन बाएं से दाएं की ओर लिखी जाती।
9. मोहनजोदड़ो के विशाल स्नानागार का विवरण दें।
उत्तरः- मोहनजोदड़ो के विशाल स्नानागार पक्की ईंटों से बना हुआ एक सुंदर नमूना है। दोनों सिरों पर हौज की सतह तक सीढ़ियाँ बनी हुई है। इसके चारों ओर छोटे-छोटे कमरे बने हुए हैं। इसका प्रयोग संभवतः आनुष्ठानिक स्नान के लिए होता था क्योंकि भारत के धार्मिक अनुष्ठानों में स्नान का बड़ा महत्त्व है। इस स्नानगार में गर्म और ठंडा दोनों प्रकार के पानी मिलती थी ।
10. अभिलेख किसे कहते हैं?
उत्तरः- अभिलेख पत्थर, धातु आदि की सतहों पर उत्कीर्ण किये गये पाठन सामग्री को कहते हैं। इसका प्रयोग प्राचीन काल से ही हो रहा है। यह मुख्य रूप से शासकों का राज्यादेश होता था। इतिहास के लेखन में अभिलेख का महत्वपूर्ण योगदान है। प्राचीन काल में राजाओं के समय जो घटनाएं घटती थी राजा उन्हें अभिलेख में लिखा देते थे । अभिलेख लिखवाने की शुरुआत अशोक ने की थी, जब हम अभिलेख का अध्ययन करते हैं तो हमें प्राचीन काल के इतिहास के बारे में पता चलता है।
11. हड़प्पावासियों द्वारा सिंचाई के साधनों का उल्लेख करें।
उत्तरः- हड़प्पा सभ्यता की सिंचाई व्यवस्था बहुत ही उत्तम है। यह सभ्यता सिन्धु घाटी नदी के किनारे बसा हुआ था। यहां के लोग नदी से नहरों का निर्माण करके सिंचाई करते थे । इस सभ्यता में कुआं एवं तालाबों के द्वारा भी सिंचाई के प्रमाण मिले हैं। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि हड़प्पा सभ्यता का सिंचाई व्यवस्था बहुत ही उत्तम है।
12. हड़प्पा सभ्यता के विस्तार की विवेचना करें।
उत्तर- उत्तर:- हडप्पा सभ्यता का क्षेत्रफल 1299666 वर्ग किलोमीटर था। हड़प्पा सभ्यता विश्व की सबसे प्राचीनतम सभ्यता है। यह सभ्यता उत्तर में कश्मीर के मांडा जिले से लेकर दक्षिण में नर्मदा नदी के मुहाने तक और पश्चिम में बलुचिस्तान के मकरान तट से लेकर उत्तर-पूर्व में मेरठ तक फैली हुई है। यह पूरा क्षेत्र एक त्रिभुजाकार के जैस दिखाई देता है।
13. हड़प्पा सभ्यता के नगर योजना के प्रमुख विशेषताओं का वर्णन करें। अथवा, हड़प्पा सभ्यता के प्रमुख विशेषताओं का वर्णन करें।
उत्तर- सिन्धुघाटी की सभ्यता अपनी नगर योजना तथा भवन निर्माण कला के लिए प्रसिद्ध थी। सभी बड़े नगर एक सुनिश्चित योजना के आधार पर बने थे । नगर निर्माण योजना की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं।
a) सड़क :- हड़प्पा सभ्यता का सरक पक्की ईटों का बना हुआ था | सड़क के दोनों किनारे चबूतरे बने हुए थे, जिस पर बैठकर लोग आराम किया करते थे। सड़क के दोनों और नाला बना हुआ था। सड़क एक दूसरे को समकोण पर काटती थी। बड़े सड़क से कई छोटे-छोटे सड़कों का निर्माण किया गया था ।
b) नाला :- हड़प्पा सभ्यता के नगर होने का सबसे प्रमुख कारण वहां का नाला
था । सड़क के दोनों किनारे नाले बने हुए थे, जिसके कारण शहर का पानी नाले के द्वारा बाहर निकल जाता था। वहां के नाले को देखकर यह कहा जा सकता है कि हड़प्पा सभ्यता एक नगरीय सभ्यता था ।
c) भवन :- हड़प्पा सभ्यता का भवन पक्की ईटी के द्वारा बनाया गया था, वहां की भवन बहुत ही सुंदर और आकर्षक था, इस प्रकार वहां के भवन को देखकर कहा जा सकता है कि हड़प्पा सभ्यता एक नगरीय सभ्यता था।
d) स्नानागार :- मोहनजोदड़ो से एक स्नानागार मिला है जो बहुत बड़ा है। इस स्नानागार में एक साथ कई आदमी स्नान कर सकता था । यह स्नानागार पक्की ईटों का बनाया हुआ था | हड़प्पा सभ्यता का नगर नियोजन होने का प्रमुख कारण वहां का स्नानागार था।
e) अन्ना गार :- हड़प्पा सभ्यता के नगर होने का प्रमुख कारण वहां का अन्ना गार था। हड़प्पा के कई नगर से अन्ना नगर मिला है, इसमें वहां के लोग अनाज रखते थे । इस प्रकार हम कह सकते हैं कि हड़प्पा सभ्यता का नगर होने का प्रमुख कारण वहां का अन्ना गार था।
14. हड़प्पा सभ्यता के पतन के मुख्य कारणों का वर्णन करें।
उत्तर – हड़प्पा सभ्यता के पतन के निम्नलिखित कारण थे |
1. बाढ़ :- कई इतिहासकारों का मानना है कि हड़प्पा सभ्यता का पतन बाढ़ आने के कारण हुआ है। कहा जाता है कि हड़प्पा सभ्यता में चाढ़ आया और सभी लोग डूब के मर गए तथा इस सभ्यता का विनाश हो गया। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि हड़प्पा सभ्यता का पतन के प्रमुख कारण बाढ़ था |
ii. महामारी :- कई इतिहासकारों का मानना है कि हडप्पा सभ्यता का पतन महामारी के कारण हुआ है। बीमारी होने के कारण वहां के सभी लोग मर गए और इस सभ्यता का विनाश हो गया | इस प्रकार हम कह सकते हैं कि हड़प्पा सभ्यता के पतन का सबसे प्रमुख कारण महामारी था।
iii. भूकंप तथा भूस्खलन : कई इतिहासकारों का मानना है कि हड़प्पा सभ्यता का पतन भूकंप और भूस्खलन के कारण हुआ है। भूकंप आने के कारण वहां की सभ्यता जमीन के नीचे दब गई और सभ्यता का विनाश हो गया। इस प्रकार हम
कह सकते हैं कि हड़प्पा सभ्यता के पतन के प्रमुख कारण भूकंप तथा भूस्खलन था।
iv. विदेशी आक्रमण : कई इतिहासकारों का मानना है कि हड़प्पा सभ्यता का पत्तन विदेशी आक्रमण के कारण हुआ है। विदेशी आक्रमण बार-बार होने के कारण इस सभ्यता का पतन हो गया। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि हड़प्पा सभ्यता के पतन का प्रमुख कारण विदेशी आक्रमण है।