1. निवल बोया गया क्षेत्र तथा सकल बोया गया क्षेत्र में अंतर स्पस्ट करे।
उत्तर- निवल बोया क्षेत्र (Net Area Sown): वह भूमि (खेत) जिसपर फसलें उगाई व काटी जाती है, वह निवल बोया क्षेत्र कहलाता है। सकल बोया गया क्षेत्र (जीसीए:- किसी दिए गए वर्ष में एक या कई बार बोया गया कुल क्षेत्र है। जब एक ही भूमि पर एक फसल दो बार बोई जाती है, तो क्षेत्र को जीसीए में दो बार गिना जाता है। दूसरी ओर, शुद्ध बोया गया क्षेत्र वह क्षेत्र है जिसमें फसलें बोई जाती हैं लेकिन केवल एक बार गिना जाता है।
2. भारत के चार बड़े औद्योगिक प्रदेश का नाम लिखे।
उत्तर:- भारत के चार बड़े औद्योगिक प्रदेश मुम्बई-पुणे औद्योगिक प्रदेश, हुगली औद्योगिक प्रदेश, बेंगलुरु औद्योगिक प्रदेश, गुजरात औद्योगिक प्रदेश, विशाखापट्नम- गुंटूर प्रदेश, मुंबई-पुणे प्रदेश हुगली प्रदेश।
3. अपरंपरागत ऊर्जा स्रोतों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर- अपरंपरागत/नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोतः सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा, परमाणु ऊर्जा और बायोगैस ऊर्जा आदि नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोत है। आवश्यकता एवं क्षमता के अनुसार इनका उत्पादन बढ़ाया और उपयोग किया जा सकता है।
4. स्वेज नहर के बारे में लिखे।
उत्तर- स्वेज नहरः इसका निर्माण 1869 में मिस्र में उत्तर में पोर्टसईद तथा दक्षिण में स्थित पोर्ट स्वेज (स्स्वेज पत्तन) के बीच भूमध्य सागर और लाल सागर को जोड़ने के लिए किया गया। स्वेज नहर यूरोप को हिंद महासागर में एक नया प्रदेश मार्ग प्रदान करता है और लिवरपूल तथा कोलंबो के बीच प्रत्यक्ष समुद्री मार्ग की दूरी को उत्तमाशा अंतरीप मार्ग की तुलना में कम करता है। स्वेज नहर जलबंधको से रहित समुद्र सतह के बराबर है जो यह लगभग 160 किलोमीटर लंबी और 11 से 15 मीटर गहरी है।
5. भारत में परिवहन के प्रमुख साधन कौन-कौन से हैं? इनके विकास को प्रभावित करने वाले कारकों की विवेचना करें।
उत्तर- भारत में परिवहन के प्रमुख साधन निम्न है।स्थल परिवहन (Land Transport)- इसके अंतर्गत पाइपलाइन परिवहन, रेल परिवहन, सड़क परिवहन, आते हैं! भारत में 1943 में सड़कों के विकास का प्रथम प्रयास नागपुर योजना के अंतर्गत किया गया।
जल परिवहन (Water Transport): यह सबसे सस्ता परिवहन का साधन है।वायु परिवहन (Air Transport):- यह सबसे तीव्रतम व महंगी परिवहन का साधन है।भारत में परिवहन के विकास को प्रभावित करने वाले कारकः जनसंख्या घनत्व, स्थलाकृति, जलवायु, आर्थिक कारक, पर्यटन, संचार क्रांति, औद्योगिक क्रांति, सरकारी नीति, राष्ट्र का कुल राष्ट्रीय आय, आदि भारत के परिवहन को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण कारक है।
6. भारत की नई औद्योगिक नीति 1991 के उद्देश्य क्या है?
उत्तरः- नई औद्योगिक नीति, 1991 का मुख्य उद्देश्य बाजार की ताकतों को सुविधाएं प्रदान करना और दक्षता बढ़ाना था। उदारीकरणः यह सरकारी नियंत्रण में कमी को संदर्भित करता है। देश में व्यवसायों या आर्थिक गतिविधियों पर विभिन्न प्रकार के सरकारी नियम और नियंत्रण कम हो गये।
7. सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग से आप क्या समझते हैं?
उत्तर- सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग (Information technology industry):- यह सूचना से संबंधित उद्योग है, जिसमें ट्रांजिस्टर, टेलीविजन, टेलीफोन, पेजर, राडार, सैल्यूलर टेलीकाम, लेजर, अंतरिक्ष उपकरण, कम्प्युटर का हार्डवेयर (यंत्र सामग्री) और सॉफ्टवेयर प्रक्रिया सामग्री इत्यादि का निर्माण होता है। ये सभी इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद हैं। अतः इस उद्योग को इलेक्ट्रॉनिक उद्योग भी कहते हैं। इसमें विशिष्ट नये, ज्ञान उच्चप्रौद्योगिकी और निरंतर शोध एवं अनुसंधान की आवश्यकता रहता है, अतः इसे उच्च प्रौद्योगिकी उद्योग या ज्ञान पर आधारित उद्योग भी कहा जाता है।
8. सूती वस्त्र उद्योग के दो सेक्टरों का नाम बताइए। वे किस प्रकार के हैं?
उत्तर:- सूती वख उद्योग (Cotton Textile Industry): – यह भारत के परंपरागत उद्योगों में से एक है। 1854 में पहली आधुनिक सूती मिल की स्थापना मुंबई में की गई। तथा यह गुजरात व महाराष्ट्र के कपास उत्पादक क्षेत्रों के बहुत निकट था।
भारत में सूती वस्त्र उद्योग के 2 सेक्टर है:
[A] संगठित सेक्टर (Organized Sector): इसमें सूती वस्त्र मिलों में सूती घागा व सूती वस्त्रों का निर्माण आधुनिक मशीनों की सहायता से किया जाता है।
[B] असंगठित सेक्टर (Unorganized Sector): – इसमें सूती वस्त्र व धागों का निर्माण हथकरघा व विद्युत करघा के माध्यम से की जाती है।
9. भारत के चार प्रमुख लौह-इस्पात उद्योग केन्द्रों के नाम लिखे।
उत्तरः- एशिया का सबसे बड़ा इस्पात कारखाना बोकारो स्टील प्लांट झारखंड के बोकारो जिले में स्थित है। यह सोवियत सहायता से स्थापित भारत का चौथा एकीकृत सार्वजनिक इस्पात कारखाना है। इसकी स्थापना 1964 में एक लिमिटेड कंपनी के रूप में हुई थी। लोहा-इस्पात उद्योग आधुनिक युग का आधारभूत उद्योग है। यह अन्य उद्योगों का जनक है। इससे विभिन्न कल-कारखानों के लिए मशीन एवं संयंत्र, कृषि के उपकरण तथा परिवहन के साधन बनाये जाते हैं।
(1)”टाटा आयरन एण्ड स्टील कंपनी” (TISCO) (2) “इंडियन आयरन एण्ड स्टील कंपनी” (IISCO) (3) विश्वेश्वरैया आयरन एण्ड स्टील लिमिटेड (VISL) (4) भिलाई (छत्तीसगढ़), राउरकेला (उड़ीसा) और दुर्गापुर (पश्चिम बंगाल) के अतिरिक्त बोकारो (झारखंड), सलेम (तमिलनाडु), विशाखापटनम (आंध्र प्रदेश) और विजयनगर (कर्नाटक) में “स्टील ऑरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL)
10. मानव स्वास्थ्य पर वायु प्रदूषण के क्या प्रभाव पड़ते हैं?
उत्तर- वायु प्रदूषण से फेफड़ों, हृदय, स्नायु तंत्र और परिसंचरण तंत्र के रोग होते हैं। वायु प्रदूषण का सबसे अधिक खतरा बच्चों को होता है; क्योंकि इसका सीधा प्रभाव फेफड़ों पर पड़ता है। इससे मनोवैज्ञानिक और शारीरिक हानियाँ भी होती हैं।
11. हरित रसायनिकी क्या है? (What is green chemistry?)
उत्तर- हरित रासायनिकी रासायनिक उत्पाद एवं प्रक्रिया का वह प्रारूप है जो वातावरण में हानिकारक तत्त्वों के पैदा होने की प्रक्रिया को कम करता है या खत्म करता है। इसका संबंध किसी रासायनिक उत्पाद के संपूर्ण जीवन चक्र, प्रारूप, उत्पादन, उपयोग और अंत में निष्पादन तक रहता है। हरित रासायनिकी को सतह पोषणीय रसायनिकी भी कहा जाता है। यह प्रदूषण को रोकता है, मानव स्वास्थ्य और वातावरण पर रासायनिक उत्पाद प्रभाव को कम करता है और कम हानिकारक रासायनिक उत्पाद तैयार करने की विधि बतलाता है।
12. स्मॉग क्या है?
उत्तर- यह वायु प्रदूषण की एक अवस्था है। कोहरे, धूल और वायु प्रदूषकों जैसे नाइट्रोजन ऑक्साइड, वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों और अन्य प्रदूषकों का एक जहरीला संयोजन है जो जमीनी स्तर के ओजोन की घनी परत उत्पन्न करने के लिए सूर्य के प्रकाश के साथ प्रतिक्रिया करता है स्मॉग कहलाता है।
13. कच्चे माल के आधार पर उद्योगों का वर्गीकरण करें।
उत्तर:- कच्चे माल के आधार पर उद्योगः
(a) वन आधारित उद्योगः जैसे फर्नीचर उद्योग, कागज उद्योग
(b) कृषि आधारित उद्योगः – जैसे चीनी उद्योग
(c) खनिज आधारित उद्योगः जैसे लोहा इस्पात उद्योग, सीमेंट उद्योग आदि
(d) पशु आधारित उद्योगः – जैसे चमड़ा उद्योग, ऊनी वस उद्योग आदि
14. जल प्रदूषण को रोकने के लिए उपाय सुझाए।
उत्तर- जल प्रदूषण जल के भौतिक, रासायनिक या जैविक गुणों में कोई भी छोटा या बड़ा परिवर्तन है जो अंततः किसी भी जीवित जीव के लिए हानिकारक परिणाम देता है।जल प्रदूषण की रोकथाम के लिए चार महत्त्वपूर्ण सुझाव इस प्रकार
(i) घरों से निकले कचरों को नदी, तालाब इत्यादि में नहीं फेंकना चाहिए।
(ii) कारखानों से निकले अपशिष्टों एवं मलजल को बिना शोधित किए नदियों, झीलों या तालाबों में विसर्जित नहीं करना चाहिए।
(iii) नगरपालिकाओं को सीवर शोधन संयंत्रों की व्यवस्था करनी चाहिए।
(iv) जल प्रदूषण नियंत्रण से संबंधित उपयोगी और कारगर कानून बनाना चाहिए और उसे सख्ती से लागू करना चाहिए।
15. ऊष्मा द्वीप क्या है?
उत्तर- नगर के केन्द्रीय भाग में बढ़ती हुई जनसंख्या को आवास प्रदान करने एवं अन्य कार्यों के लिए विशाल सीमेंट कंकरीट के ढाँचे बनाये जाते हैं। इससे वातावरण का तापमान बहुत अधिक हो जाता है। गर्मियों में इनमें रहना दूभर हो जाते हैं। इस तप्त केन्द्रीय भाग को उष्माद्वीप कहा जाता है।
16. उदारीकरण के लाभों को लिखें।
उत्तर- उदारीकरण आर्थिक विकास की एक प्रक्रिया है, जिसके द्वारा उद्योगों और व्यापार को लालफीताशाही के अनावश्यक प्रतिबंध से मुक्त किया जाता है। इसके अन्तर्गत 6 उद्योगों को छोड़कर अन्य सभी उद्योगों को लाइसेंस से मुक्त कर दिया गया है। सार्वजनिक क्षेत्र में घाटे में चलने वाले कुछ उद्योगों को निजी क्षेत्र में दे दिया गया है तथा कुछ उद्योगों के शेयर वित्तीय संस्थाओं, सामान्य जनता और कामगारों को दिये गये, विदेशी पूँजी निवेश पर से प्रतिबंध हटाया गया, विदेशी तकनीक के प्रवेश का उदारीकरण हुआ और औद्योगिक स्थानीयकरण में भी उदारता प्रदान की गयी। इससे उद्योगों को बड़ा लाभ हुआ।
17. हरित क्रांती की व्याख्या करे।
उत्तर- 1960 के दशक में भारत में खाद्यान्नों के उत्पादन में वृद्धि के लिए अपनायी गयी नीति को “हरित क्रांति” कहते हैं। वास्तव में, इस काल में अधिक उत्पादन देने वाली गेहूं (मैक्सिको) और चावल (फिलिपीस) की किस्मों को पैकेज प्रौद्योगिकी के रूप में पंजाब, हरियाणा, पश्चिम उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश तथा गुजरात के सिंचाई सुविधा वाले क्षेत्रों में, रासायनिक खाद के साथ अपनाया गया। इस प्रौद्योगिकी की सफलता के लिए सिंचाई से निश्चित जल आपूर्ति अपेक्षित थी। हरित क्रांति ने कृषि में प्रयुक्त कृषि निवेश, जैसे उर्वरक, कीटनाशक, कृषि यंत्र आदि कृषि आधारित उद्योगों तथा छोटे पैमाने के उद्योगों के विकास को प्रोत्साहन दिया। कृषि विकास की इस नीति से देश खाद्यान्नों के उत्पादन में आत्म-निर्भर हुआ। लेकिन प्रारंभ में विशेषकर 1970 के दशक के अन्त तक “हरित क्रांति” देश में सिंचित भागों तक ही सीमित थी; फलरूपरूप कृषि विकास में प्रादेशिक असमानता बढ़ी। इसके पश्चात् यह प्रौद्योगिकी मध्य भारत तथा पूर्वी भारत में फैली। हरित क्रांति का दूरगामी प्रभाव यह हुआ कि रासायनिक खाद और अधिक सिंचाई के कारण कृषि भूमि का निम्नीकरण हुआ और उत्पादन में कमी होने लगी।
18. पाइपलाइन परिवहन से लाभ एवं हानि की विवेचना करें।
उत्तर- तरल पदार्थों और गैसों की लंबी दूरी के परिवहन के लिए पाइप लाइन परिवहन का सबसे सुविधाजनक साधन है। नगरों में जल आपूर्ति के लिए पाइप लाइनों का उपयोग काफी समय से हो रहा है, लेकिन पेट्रोलियम एवं इसके उत्पादों का पाइपलाइनों द्वारा परिवहन एक अपेक्षाकृत नया विचार है। इनके द्वारा ठोस पदार्थों जैसे लोहा, एल्युमीनियम आदि को भी गाद या द्रव्य में बदलकर प्रवाहित की जाती है।
पाइपलाइन परिवहन से निम्नलिखित लाभ है: यह उबड़-खाबड़ भूमि और पानी के नीचे भी बिछाई जा सकती है, संचालन और रख-रखाव की लागत कम होती है, ऊर्जा की बचत होती है, समय की बचत होती है, तेल का प्रवाह निरंतर बना
रहता है
पाइपलाइन परिवहन की हानि: एक बार बिछाने के बाद इसकी परिवहन क्षमता में वृद्धि नहीं हो सकती है, मरम्मत में कठिनाई होती है, लीक होने तथा आग लगने का खतरा बना रहता है
19. सतत पोषणीय विकास क्या है?
उत्तर- सतत पोषणीय विकास (Sustainable development):- ‘एक ऐसा विकास जिसमें भविष्य में आने वाली पीढ़ियों की आवश्यकता पूर्ति को प्रभावित किए बिना वर्तमान पीढ़ी द्वारा अपनी आवश्यकता की पूर्ति करना। इस संकलपना का विकास 1960 के दशक के अंत में पश्चिमी देशों में पर्यावरण जागरूकता की सामान्य पहल के कारण हुआ। संयुक्त राष्ट्रसंघ रिपोर्ट “आवर कॉमन फ्यूचर” के अनुसार “सतत पोषणीय विकास का अर्थ है एक ऐसा विकास जिसमें भविष्य में आने वाली पीढ़ियों की आवश्यकता की पूर्ति को प्रभावित किए बिना वर्तमान पीढ़ी द्वारा अपनी आवश्यकता की पूर्ति करना।”
20. भारत में नगरीय अपशिष्ट निपटान से जुड़ी प्रमुख समस्याओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर- नगर निगम (Municipal Corporation): मद्रास नगर निगम भारत की सबसे पुरानी नगर निगम है। नगर निगम प्रायः किसी नगर परिषद या जिले, ग्राम, बस्ती या अन्य स्थानीय शासकीय निकायों के अधीन कार्य करता है। नगर निगम नगर पालिकाओं के सबसे ऊपरी स्तर का शासन है। भारत में नगरीय अपशिष्ट निपटान के लिए नगर निगम प्रणाली प्रसिद्ध है।
भारत में नगरीय अपशिष्ट निपटान की प्रमुख समस्याः मानव तथा जीव-जंतु के मल निपटान हेतु उचित सीवर अथवा नली प्रणाली की कमी। कूड़ा-कचरा का नदियों में फेका जाना एक बड़ी समस्या है। औद्योगिक अपशिष्ट का नदी जल में विलय होना। परमाणु परीक्षण के अपशिष्ट का नदी जल में विलय होना। रासायनिक दवाई का छिड़काव व शहरों में अत्यधिक जनसंख्या के कारण शुद्ध वायु की कमी तथा ताप में वृद्धि।
21. चार तृतीयक आर्थिक क्रियाकलाप का उल्लेख करे।
उत्तर- तृतीयक क्रियाकलाप (Tertiary Activity): – तृतीयक क्रियाकलापों में उत्पादन तथा विनिमय (Production and exchange) दोनों सम्मिलित होते हैं, उत्पादन में सेवाओं की उपलब्धता शामिल होती है जिनका उपभोग किया जाता है। विनिमय के अंतर्गत परिवहन, संचार तथा व्यापार सम्मिलित होती है। कुछ तृतीयक आर्थिक क्रियाकलाप- व्य्यापर, मनोरंजन, वकील, संचार, बीमा, परिवहन और संचार-रेल, सड़क, जहाज, वायुयान, डाक-तार सेवाएँ, मनोरंजन रेडियो, दूरदर्शन, पुलिस, सेना, चिकित्सा आदि सभी तृतीयक क्रियाकला है।
22. संसार में जनसंख्याँ के आकार और घनत्व के सन्दर्भ में भारत के स्थान की विवेचना किजीए।
उत्तर- 2001 की जनगणना के अनुसार भारत की जनसंख्याँ 102.8 कड़ोर थी जो विश्व के कुल जनसंख्याँ का 17 प्रतिशत थी। लेकिन अब वर्तमान में भारत विश्व का जनसंख्याँ की दृष्टि से सबसे बड़ा देश बन चूका है। भारत विश्व का क्षेत्रफल की दृष्टि से सातवां बड़ा देश है जो विश्व के कुल क्षेत्रफल के 2.4 प्रतिशत भाग पर फैला हुआ है। संसार के दस सबसे अधिक जनसंख्या वाले देशों में जनसंख्या के घनत्व के दृष्टिकोण से भारत का स्थान बांग्लादेश (849) तथा जापान (334) के बाद तीसरा है।
23. भारत में घटते लिंगानुपात के दो कारण लिखे।
उत्तर- भारत के बच्चों के घटते लिंग अनुपात के दो कारण निम्नलिखित हैं।
[A] भ्रूण हत्या (Feticide): कन्या भ्रूण हत्या के कारण बच्चों के लिंगानुपात में काफी गिरावट आई है। समाज में दहेज प्रथा जैसी कुरीतियों के कारण कन्या (लड़की) का जन्म लोग नहीं चाहते हैं। और उन्हें गर्भ में ही मौत के घाट उतार देते हैं।
[B] पुरुष प्रधान की परंपरा (Male-dominated tradition):- भारत शुरू से ही एक पुरुष प्रधान देश रहा है। यहां पर लड़कों को हमेशा से ही उच्च स्थान दिया जाता भारत में केरल को छोड़ भारत के सभी राज्य में 0-6 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों का लिंग अनुपात निरंतर घट रहा है।
24. शुष्क कृषि तथा आर्द्र कृषि में क्या अन्तर है?
उत्तर- शुष्क कृषि पद्धति उन क्षेत्रों में अपनायी जाती है, जहाँ वार्षिक वर्षा 75
सेमी० से कम है। वर्षा के अभाव में यहाँ ऐसी फसलें उपजायी जाती है, जो शुष्कता को सहन कर सके, जैसे रागी, बाजरा, मूँग, चना, ज्वार इत्यादि। इन क्षेत्रों में आर्द्रता संरक्षण तथा वर्षा जल के प्रयोग की अनेक विधियाँ अपनाई जाती हैं। इसके विपरीत आर्द्र कृषि उन क्षेत्रों में होती हैं, जहाँ वर्षा ऋतु में जल पौधों की जरूरत से अधिक होता है। इन क्षेत्रों में वे फसलें उपजायी जाती है, जिन्हें पानी की अधिक मात्रा में आवश्यकता होती है, जैसे-चावल, जूट, गन्ना इत्यादि ।
25. उद्योग की अवस्थिति को प्रभावित करने वाले कारकों की विवेचना करें।
उत्तर:- उद्योग की अवस्थिति को प्रभावित करने वाले कारकों में मुख्यतः कच्चा माल, बाज़ार, श्रम, ऊर्जा के श्रोत, पूंजी, परिवहन सरकार की औद्योगिक नीति आदि
26. संचार के माध्यमों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर- संचार के साधन (Means of communication):- दूरभाष, न्यूज़ पेपर, तार, फैक्स, ई-मेल, इंटरनेट, सार्वजनिक रेडियो, टेलीविजन, सिनेमा, सेटेलाइट, समाचारपत्, पत्रिकाएँ व पुस्तकें, जन सभाएँ, दूरदर्शन आदि संचार के साधन है।
27. मुक्त आकाश नीति के क्या लाभ है?
उत्तर- दो देश मिलकर एक एग्रीमेन्ट करता है कि एक दूसरे का कोई भी हवाई जहाज बिना बाधा के किसी भी समय एक दूसरे के हवाई सीमा से आर पार जा सके।
28. दामोदर बेसिन में स्थित चार कोयला खान का नाम बताये।
उत्तर- दामोदर घाटी बेसिन झारखंड के अंतर्गत आते हैं। दामोदर बेसिन में स्थित चार कोयला खान रानीगंज, झरिया, करणपुरा, तथा रामगढ़ है।
29. डेन्यूब जलमार्ग के महत्त्व का उल्लेख करे।
उत्तर-डेन्यूब जलमार्गः यह एक महत्वपूर्ण आंतरिक जलमार्ग है जो पूर्वी यूरोपीय भाग को अपनी सेवाएं देता है। यह टारना सेविरिन तक नौकायन योग्य है। डेन्यूब नदी ब्लैक फॉरेस्ट से निकलकर अनेक देशों से होती हुई पूर्व की ओर बहती है। इस जलमार्ग द्वारा मक्का, गेहूं, इमारती लकड़ी और मशीनरी निर्यात की जाने वाले मुख्य पदार्थ हैं। इसकी लम्बाई 3500 कि०मी० हैं। इसे राइन नदी पर मैम्बर्ग से लेकर डैन्यूब के तट के कैल्हीम तक 171 कि०मी० लम्बी नहर के द्वारा जोड़कर बनाया गया है। यह नहर डेन्यूब जलमार्ग कालासागर से उत्तरी सागर तक पहुँचता है।
30. भारत में सिंचाई की आवश्यकता क्यों है?
उत्तर- सिंचाई की व्यवस्था बहू फसलीकरण को संभव बनाती है। देश में कृषि विकास कि हरित क्रांति की रणनीति हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अधिक सफल हुई है, इन तीनों प्रदेश के निवल बोए गए क्षेत्र का 85% भाग सिंचाई के अंतर्गत आता है। इन राज्यों में चावल तथा गेहूं मुख्य रूप से सिंचाई की सहायता से पैदा किए जाते हैं। निवल सिंचित क्षेत्र का 76.1% पंजाब में तथा 51.3% हरियाणा में कुओ तथा नलकूपों द्वारा सिचित है, इन राज्यों में भोम जल में कमी आ रही है। जब भूमि में पानी दिया जाता है, तब भूमि की उर्वरा शक्ति छः गुना बढ़ जाती है।
31. भारतीय कृषि की प्रमुख समस्या का वर्णन कीजिये। उत्तर- भारतीय कृषि की समस्याएं:-
(A) निम्न उत्पादकताः- अंतरराष्ट्रीय स्तर की अपेक्षा भारत में फसलों की उत्पादकता कम है।
(B) अनियमित मानसून पर निर्भरताः- भारत में कृषि क्षेत्र का केवल एक तिहाई भाग ही सिंचित है। शेष कृषि क्षेत्र में फसलों का उत्पादन प्रत्यक्ष रूप से वर्षा पर निर्भर है वर्षा (मानसून) में अनियमितता के कारण कभी बाढ़ तो कभी सूखा की स्थिति बनी रहती है।
(C) भूमि सुधारों में कमी:- भूमि के असमान वितरण के कारण भारतीय किसान लंबे समय से शोषित है।
(ID) वित्तीय संसाधनों की बाध्यताएं तथा ऋणग्रस्तताः- आधुनिक कृषि लागत अधिक परंतु उत्पादन कम हो रहे है, जिस कारण किसान कर्ज में डूब रहे हैं और ऋण ग्रस्तता के कारण किसान आत्महत्या कर रहे हैं।
सिंचाई की सुविधा है। अमृतसर, लुधियाना, पटियाला, जालंधर, फिरोजपुर इत्यादि मुख्य उत्पादक जिले हैं।
(iii) हरियाणा – इस राज्य के मुख्य उत्पादक जिले रोहतक, हिसार, गुड़गाँव, करनाल व जिन्द हैं।
(iv) मध्यप्रदेश – राज्य की कृषि भूमि के 17.7% क्षेत्र पर गेहूँ उगाया जाता है तथा यह पूरे देश का 12% गेहूँ प्रदान करता है। देश में इसका चौथा स्थान है। होशंगाबाद, सागर, ग्वालियर, नीमाढ़, उज्जैन, देवास, भोपाल और जबलपुर मुख्य उत्पादक जिले हैं।
32. भारत में जलविद्युत शक्ति के विकास की आवश्यक दशाओं का वर्णन करें।
उत्तर- जलविद्युत उत्पादन के लिए आवश्यक भौगोलिक दशाएँ निम्नलिखित हैं-
(1) पर्याप्त जल मिलना- भारत के उत्तरी-पूर्वी राज्यों, हिमालय के पर्वतीय भाग तथा पश्चिमी घाट पर्वत में पर्याप्त वर्षा होती है और नदियों में सालों भर पानी भरा रहता है।
(ii) जल के निरंतर प्रवाहित होने से पनबिजली का उत्पादन सालों भर होता है। गर्मी में बर्फ के पिघलने से जल मिलता है। यह सुविधा दक्षिण की पठारी नदियों में नहीं है, फिर भी वहाँ बाँध और विशाल जलाशय बनाकर उनमें वर्षाकालीन जल
एकत्रित कर जलाभाव की पूर्ति की जा सकती है।
(iii) जल का तीव्र वेग से गिरना- देश के पर्वतीय और पठारी भागों में जल तीव्र गति से बहता है और अनेक जलप्रपात पाये जाते हैं।
(iv) विद्युत की माँग का व्यापक क्षेत्र- भारत में जल-विद्युत् का बाजार काफी विस्तृत है। यह एक विकासशील देश है, जहाँ घरेलू उपयोग के अतिरिक्त कृषि- मशीन, औद्योगिक मशीन, रेलगाड़ी इत्यादि में जलविद्युत की माँग दिनों दिन बढ़ती जा रही है।
(v) शक्ति के अन्य साधनों का अभाव भारत में कोयला, पेट्रोलियम इत्यादि शक्ति के साधन सीमित क्षेत्रों में उपलब्ध हैं।
(vi) तकनीक एवं पूँजी- भारत में जलविद्युत के विकास के लिए उपर्युक्त तकनीक और पर्याप्त पूँजी भी उपलब्ध हैं।
33. भारत के प्रमुख लौह-इस्पात उद्योग केन्द्रों के नाम लिखे
उत्तरः- एशिया का सबसे बड़ा इस्पात कारखाना बोकारो स्टील प्लांट झारखंड के
बोकारो जिले में स्थित है। यह सोवियत सहायता से स्थापित भारत का चौथा एकीकृत सार्वजनिक इस्पात कारखाना है। इसकी स्थापना 1964 में एक लिमिटेड कंपनी के रूप में हुई थी। 1907 ई० में झारखंड में स्वर्णरेखा घाटी के साकची
नामक स्थान पर खुला। इसका नाम “टाटा आयरन एण्ड स्टील कंपनी” (TISCO) रखा गया। इसके संस्थापक उद्योगपति जमशेदजी नीसेरवान जी टाय
थे, जिनके नाम पर इस स्थान का नाम जमशेदपुर या टाटा पड़ा।
(1)”टाटा आयरन एण्ड स्टील कंपनी” (TISCO) (2) “इंडियन आयरन एण्ड स्टील कंपनी” (IISCO) (3) विश्वेश्वरैया आयरन एण्ड स्टील लिमिटेड (VISL) (4) भिलाई (छत्तीसगढ़), राउरकेला (उड़ीसा) और दुर्गापुर (पश्चिम बंगाल) के अतिरिक्त बोकारो (झारखंड), सलेम (तमिलनाडु), विशाखापटनम (आंध्र प्रदेश) और विजयनगर (कर्नाटक) में “स्टील ऑथरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) था। भारत में लोहा-इस्पात का सबसे पहला कारखाना 1830 में तमिलनाडु में पोटोंनोवो (Portonovo) नामक स्थान पर स्थापित किया गया।
34. जीवन निर्वाहक कृषि की दो विशेषताओं का उल्लेख
कीजिए। [2020A]
उत्तर-जीवन निर्वाहक कृषि में घनी जनसंख्या के कारण उत्पादन केवल स्वयं जीवन निर्वाह के लिए किया जाता है। इसमें उत्पादन निर्वाह स्तर पर ही रहता है और बिक्री के लिए अवशेष बहुत कम रहता है। यह दक्षिणी और दक्षिणी पूर्वी एशिया के मानसून जलवायु क्षेत्र में प्रचलित है। जीवन निर्वाह कृषि दो प्रकार के होते है चावल सहित और चावल रहित।
35. जल-संभर प्रबंधन क्या है?
उत्तर- जल-संभर प्रबंधन (Watershed Management):- इसका मुख्य उद्देश्य जल को रोकना और विभिन्न विधियों जैसे तालाब, अंतः स्रवण, पुनर्भरण आदि के द्वारा जल का संचयन व संरक्षण (जमा) करना है। यह प्रमुख रुप से धरातलीय जल संसाधनों का कुशल प्रबंधन है। जल संभर-प्रबंधन का मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक संसाधनों और समाज के मध्य संतुलन स्थापित करना है।
36. मानव भूगोल को परिभाषित करें तथा मानव भूगोल के कुछ उप-क्षेत्रों के नाम लिखें।
उत्तर – भूगोल की वह शाखा जिसके अंतर्गत मानव की उत्पत्ति से लेकर वर्तमान समय तक उसके पर्यावरण के साथ संबंधों और व्यवहारों का अध्ययन करते हैं , मानव भूगोल कहलाता है। फ्रेडरिक रेटजेल के अनुसार ” मानव भूगोल मानव समाजो और धरातल के बीच संबंधों का संश्लेषित अध्ययन है। मानव भूगोल के उप-क्षेत्र हैं-व्यवहारवादी भूगोल, सामाजिक कल्याण का भूगोल, अवकाश का भूगोल, सांस्कृतिक भूगोल, लिंग भूगोल, ऐतिहासिक भूगोल, निर्वाचन भूगोल, सैन्य भूगोल, संसाधन भूगोल, कृषि भूगोल, उद्योग भूगोल, विपणन भूगोल, व्यापारिक भूगोल और पर्यटन भूगोल।
37. लिंग अनुपात कैसे मापा जाता है या लिंग संरचना से आप क्या समझाते हैं?
उत्तर:- जनसंख्या में प्रति हजार पुरुषों पर स्त्रियों की संख्या, या प्रति हजार स्त्रियों पर पुरुषों की संख्या लिंग अनुपात (sex ratio) कहलाता है।
सूत्र, लिंग अनुपात पुरुषों की जनसंख्या/त्रियों की जनसंख्या × 1000
भारत में लिंग अनुपात सूत्र
लिंग अनुपात = स्त्रियों की जनसंख्या/पुरुषों की जनसंख्या × 1000
38. भारतीय रेलवे की किन्ही दो मुख्य समस्याओं का वर्णन करें।
उत्तर- (i) जलवायु की समस्याः- भारतीय रेल के साथ सबसे बड़ी समस्या ठंडी के मौसम में कोहरा के कारण होती है। बाढ़ से रेलमार्ग उखड़ जाते है। भारत की रेल पटरी नैरोगेज तथा मीटरगेज है जो अभी ब्रोड गैज में परिवर्तित किया जा रहा है। बलुई मिट्टी वाले क्षेत्र में रेल की पटरीयां धंस जाती है। अत्यंत बर्फीले क्षेत्र में पटरी बर्फ से ढक जाते है। बाढ़ के क्षेत्र में पटरीयां पानी में डूब जाते है।
(ii) अधिक भीड़ की समस्याः भारत अब जनसंख्याँ की दृष्टि से विश्व का सबसे
बड़ा देश बन चूका है। यहाँ रेलवे की सुविधा लोगों को त्यौहार के अवसर पर सही से नहीं मिल पाता है। नवीनतम तकनीकी के अभाव के कारण रेलवे दुर्घटनाए हो रही है।