1. मेजिनी कौन था?
उत्तर- मेजिनी को इटली के एकीकरण का ‘पैगंबर’ या ‘मसीहा’ कहा जाता है। राष्ट्रवादी भावना से प्रेरित होकर उसने कार्बोनारी की सदस्यता ग्रहण की। 1830-31 के विद्रोह में उसने सक्रिय भूमिका निभाई। गणतंत्रवादी उद्देश्यों का प्रचार करने के लिए उसने ‘यंग इटली’ तथा ‘यंग यूरोप’ का गठन किया। वह ऑस्ट्रिया के प्रभाव से इंटैली को मुक्त कराना चाहता था। अपने प्रयास में वह विफल रहा।
2. पूँजीवाद क्या है?
उत्तर- औद्योगिक क्रांति के परिणामस्वरूप एक नई आर्थिक व्यवस्था का उदय हुआ जो पूँजीवादी व्यवस्था कहलाई। उत्पादन के साधनों और इसके लाभ पर पूँजीपतियों ने अपना वर्चस्व स्थापित कर लिया। ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि उद्योगों के मशीनीकरण के लिए उन्हीं के पास धन या पूँजी थी। अतः, इसका लाभ उन्हीं लोगों ने उठाया। पूँजीवादी व्यवस्था में श्रमिकों का शोषण हुआ। इसके विरोध में आगे चलकर समाजवादी और मार्क्सवादी विचारधारा का उदय हुआ।
3. हिन्द-चीन में फ्रांसीसी प्रसार का वर्णन करें।
उत्तर- 17वीं शताब्दी में अनेक फ्रांसीसी व्यापारी और कैथोलिक धर्मप्रचारक हिंदचीन पहुँचे। 18वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध से वे हिंदचीन की राजनीति में सक्रिय हो गए। 1787 में कोचीन-चीन तथा 1862 में अन्नाम के साथ फ्रांस ने संधि कर अपना प्रभाव बढ़ाया। 1863 में कंबोडिया फ्रांस का संरक्षित राज्य बन गया। 1867 में कोचीन-चीन में फ्रांसीसी उपनिवेश की स्थापना हुई। 1884 में अन्नाम फ्रांस का संरक्षित राज्य बना तथा 1887 में फ्रांस ने फ्रेंच इंडो-चाइना की स्थापना की।
4. न्यूनतम मजदूरी कानून कब पारित हुआ और इसके क्या उद्देश्य थे?
उत्तर- भारत सरकार द्वारा 1948 में पारित इस कानून का उद्देश्य चुने हुए उद्योगों में मजदूरी की दर नियत करना था। द्वितीय पंचवर्षीय योजना में स्पष्ट किया गया कि मजदूरों को कम-से-कम इतनी मजदूरी मिलनी चाहिए जिससे वे अपनी कार्यकुशलता बनाए रखते हुए अपना गुजारा कर सकें।
5. छापाखाना यूरोप में कैसे प्रारंभ हुआ?
उत्तर- 1295 में मार्कोपोलो जब चीन से इटली वापस आया तब वह अपने साथ चीन में प्रचलित वुड ब्लॉक छपाई की तकनीक लेता आया। इससे हस्तलिखित पांडुलिपियों के स्थान पर वुड ब्लॉक छपाई की तकनीक विकसित हुई। इटली से आरंभ होकर यह तकनीक यूरोप के अन्य भागों में भी फैल गई।
(i) राजनीतिक – रोमोनोव वंश का शासक जार निकोलस द्वितीय सर्वशक्तिशाली और स्वेच्छाचारी था। प्रशासन में भ्रष्टाचार व्याप्त था। सरकार की रूसीकरण की नीति (एक जार, एक चर्च और एक रूस) से रूस में निवास करनेवाली विभिन्न प्रजातियों में असंतोष व्याप्त हुआ। अनेक विद्रोह हुए जिन्हें क्रूरतापूर्वक दबा दिया गया। बाल्कन युद्धों, क्रीमिया युद्ध और रूसी-जापानी युद्ध में पराजय से जारशाही की शक्ति और प्रतिष्ठा कमजोर हो गई। प्रथम विश्वयुद्ध में पराजय तो क्रांति का तात्कालिक कारण बनी।
(ii) सामाजिक – रूस की अधिकांश जनसंख्या किसानों की थी। उनकी स्थिति दयनीय थी।
1861 में कृषिदासता समाप्त किए जाने के बाद भी उनकी स्थिति में सुधार नहीं आया।
अतः, किसानों ने बार-बार विद्रोह किए और क्रांति के आधार बन गए। (iii) आर्थिक औद्योगिक दृष्टि से रूस एक पिछड़ा हुआ देश था। उद्योगों पर जार एवं कुलीनों का आधिपत्य था तथा राष्ट्रीय पूँजी का अभाव था। व्यापार का भी समुचित विकास नहीं हो सका। लगातार युद्धों से देश की अर्थव्यवस्था दिवालियापन के कगार पर पहुँच गई।
(iv) धार्मिक – रूस पर कट्टरपंथी ईसाई धर्म एवं चर्च का व्यापक प्रभाव था। नागरिकों को धार्मिक स्वतंत्रता नहीं थी।
वौद्धिक-19वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में रूस में बौद्धिक जागरण हुआ। अनेक साहित्यकारों, जैसे – प्लेखानोव, लियो टॉल्सटॉय, इवान तुर्गनेव, मैक्सिम गोर्की, एंटन चेखव इत्यादि ने अपने लेखों और पुस्तकों द्वारा भ्रष्ट राजनीतिक, आर्थिक व्यवस्था की ओर रूसियों का ध्यान आकृष्ट कर उन्हें परिवर्तन के लिए उत्प्रेरित किया। मार्क्सवाद के बढ़ते प्रभाव से भी क्रांति की प्रेरणा मिली।
7. भूमंडलीकरण के कारण आमलोगों के जीवन में आने वाले परिवर्तनों को स्पष्ट करें।
उत्तर – भूमंडलीकरण की प्रक्रिया के कारण विश्व के सभी राष्ट्र राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक रूप से एक-दूसरे से जुड़ गए। भूमंडलीकरण ने विश्व स्तर पर लोगों को भौतिक, सांस्कृतिक एवं मनोवैज्ञानिक स्तर पर एकीकृत कर एकरूपता लाने का प्रयास किया है। आमलोगों का जीवन भूमंडलीकरण से गहरे रूप से प्रभावित हुआ है। वर्तमान समय में जीविकोपार्जन और आर्थिक क्षेत्र में इसका व्यापक प्रभाव स्पष्ट रूप से परिलक्षित हो रहा है। भूमंडलीकरण ने राष्ट्र की अर्थव्यवस्था को निरूपित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मुक्त बाजार एवं व्यापार, खुली प्रतिस्पर्द्धा और बहुराष्ट्रीय कंपनियों का प्रसार हुआ है। उद्योग एवं सेवा क्षेत्र का निजीकरण एवं विस्तार हुआ है। इसका जनजीवन पर व्यापक असर पड़ा है। जीविकोपार्जन के क्षेत्र में यह प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखलाई देता है। 1991 के पश्चात सेवा, बीमा क्षेत्र, पर्यटन उद्योग, सूचना और संचार के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण परिवर्तन आया है। सेवा क्षेत्र के अंतर्गत ऐसी आर्थिक गतिविधियाँ आती हैं जिसमें ग्राहकों को सुविधाएँ उपलब्ध कराकर उनके बदले पारिश्रमिक लिया जाता है। यातायात, बैंक और बीमा, पर्यटन, दूर-संचार की सुविधा उपलब्ध कराने के व्यवसाय में लाखों लोगों को रोजगार मिले हैं। पर्यटन उद्योग का विकास होने से दूर एवं ट्रैवेल एजेंसियों की स्थापना हुई है। बड़े नगरों में शॉपिंग मॉल स्थापित किए गए हैं। बैंकिंग और बीमा क्षेत्र का विस्तार हुआ है। राष्ट्रीय संस्थाओं के अतिरिक्त निजी कंपनियाँ भी इसमें संलग्न हैं। विगत वर्षों में सबसे अधिक विस्तार सूचना और संचार के क्षेत्र में हुआ है। इससे दूरियाँ सिमट गई है। मोबाइल फोन, कंप्यूटर और इंटरनेट, कूरियर सेवा का सामान्य जनजीवन पर व्यापक प्रभाव पड़ा है। बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने सरकारी नौकरी पर दबाव कम कर दिया है। यह भूमंडलीकरण का ही प्रभाव है कि नागरिकों का जीवन स्तर बढ़ा है और उन्हें रोजगार के अवसर उपलब्ध हुए हैं
9. राजनीति दल लोकतंत्र में क्यों आवश्यक है?
उत्तर- राजनीतिक दल लोकतंत्र की आधारशिला है। बिना राजनीतिक दलों के हम लोकतंत्र की कल्पना भी नहीं कर सकते। विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि ही निर्वाचन में भाग लेते हैं। राजनीतिक
दल ही लोकतंत्रीय शासन को व्यावहारिक रूप प्रदान करते हैं। की दो विशेषताएँ बताएँ। 10. संघीय शासन की
उत्तर – संघात्मक शासन की दो प्रमुख विशेषताएँ हैं- (क) लिखित संविधान और (ख) दुहरे
स्तर पर सरकार का गठन। 11. सांप्रदायिकता क्या है?
उत्तर- अपने धार्मिक हितों के लिए राष्ट्रहित का बलिदान कर देना सांप्रदायिकता है। सांप्रदायिकता
लोकतंत्र के लिए अभिशाप है। इससे समाज एवं देश का विकास अवरुद्ध होता है। 12. पंचायती राज क्या है?
उत्तर- पंचायती राज के अंतर्गत ग्राम, प्रखंड एवं जिला स्तर पर क्रमशः ग्राम पंचायत, पंचायत समिति एवं जिला परिषद का गठन किया जाता है।
13. दबाव-समूह की परिभाषा दें।
उत्तर – दबाव समूह की परिभाषा “यह कुछ व्यक्तियों का ऐसा समूह है, जो मान्य एवं सामान्य उद्देश्यों
की प्राप्ति के लिए सरकार से कुछ माँगें करके सामान्य नीतियों को प्रभावित करने का प्रयास करता है।” निर्देश : प्रश्न-संख्या 14 से 15 तक दीर्घ उत्तरीय प्रश्न हैं। इनमें से किसी एक प्रश्न का उत्तर दें।
4×1=4
14. भारतीय लोकतंत्र की दो चुनौतियों का वर्णन करें।
उत्तर- भारतीय लोकतंत्र की दो आधारभूत चुनौतियाँ निम्नांकित हैं।
(i) लोकतंत्र के विस्तार की चुनौती- प्रत्येक लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था संघीय ढाँचे को सक्रिय बनाकर, स्थानीय संस्थाओं को अधिक अधिकार देकर तथा समाज के कमजोर वर्ग, जिनमें महिलाएँ भी सम्मिलित हैं, को शासन में उचित साझेदारी देकर इस चुनौती का सामना कर सकती है।
(ii) लोकतंत्र को सशक्त बनाने की चुनौती- प्रत्येक लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था के सामने लोकतंत्र को सशक्त बनाने की चुनौती रहती है। इस चुनौती के समाधान के लिए लोगों की साझेदारी सत्ता में सुनिश्चित करना तथा धनी एवं प्रभुत्ववाले लोगों पर नियंत्रण रखना आवश्यक है।
15. ‘सूचना के अधिकार अधिनियम-2005’ का संक्षिप्त विवरण अपने शब्दों में दें।
उत्तर- केंद्र सरकार द्वारा सूचना का अधिकार-संबंधी अधिनियम 2005 में लागू किया गया। इस अधिनियम के अंतर्गत यह व्यवस्था की गई है कि अब कोई भी व्यक्ति या संस्था सरकारी कार्यालय से विकास कार्यों से संबंधित अभिलेख एवं विवरण आवेदन के साथ एक निश्चित रकम जमाकर प्राप्त कर सकता है। परंतु, अंपवादस्वरूप प्रतिरक्षा एवं गोपनीय विभागों को इस कानून के दायरे से बाहर रखा गया है। सूचना प्राप्त करने में आनाकानी अथवा लापरवाही के दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ आवश्यक दंडात्मक कार्रवाई करने का प्रावधान भी किया गया है। इस कानून के बन जाने से प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता एवं उत्तरदायित्व निश्चित करने में मदद मिलेगी। इससे यह पता चल सकेगा कि अमुक कार्य में गड़बड़ी या विलंब के लिए कौन-कौन से व्यक्ति जिम्मेवार हैं तथा किसकी गलती से योजनाएँ देर से पूरी हुई अथवा अधूरी रहीं। अधिकारियों को सूचना प्राप्त करने संबंधी आवेदनपत्र प्राप्त होने के 48 घंटे के अंदर इस पर कार्रवाई आवश्यक रूप से करनी होगी तथा जिसकी एक महीने के अंदर देनी होगी।