WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

class 12th hindi ka subjective question answer bihar board

लेखक किस विडंबना की बात करते है? विडंबना का स्वरूप क्या है?

उत्तर- लेखक जिस विडंबना की बात करते है, वह है इस युग में भी “जातिबाद” के पोषकों की कर्मी नहीं होना विडंबना का स्वरूप है, कार्य कुशलता के लिए श्रम विभाजन और चूंकि जाति प्रथा भी श्रम

विभाजन का ही दूसरा स्वरूप है. इसलिए इसमें कोई बुराई नहीं है। अम्बेडकर के अनुसार जातिवाद के पोषक उसके पक्ष में क्या तर्क देते है? 2.

उत्तर- जातिवाद के पोषक उसके पक्ष में तर्क देते है. कि आधुनिक सभ्य समाज मे कार्य-कुशलता के लिए श्रम विभाजन आवश्यक है, और जाति प्रथा भी श्रम

विभाजन का ही रूप है, इसलिए यह भी आवश्यक है। जाति भारतीय समाज में श्रम विभाजन का स्वाभाविक रूप क्यों नहीं कही जा सकती? 3.

उत्तर- जाति प्रभा भारतीय समाज में श्रम विभाजन का स्वाभाविक रूप इसलिए नहीं कही जा सकती क्योंकि यह मनुष्य की रूचि पर आधारित नहीं है, कुशल

व्यक्ति या साक्षम श्रमिक समाज का निर्माण करने के लिए यह आवश्यक है, कि हम व्यक्तियों की क्षमता इस सीमा तक विकसित करें, जिससे वह अपना पेशा या कार्य का चुनाव स्वयं कर सके। जाति प्रथा भारत में बेरोजगारी का एक प्रमुख और प्रत्यक्ष कारण कैसे बनी हुई? हिन्दु धर्म की जातिप्रथा किसी भी व्यक्ति को ऐसा पेशा चुनने की अनुमति नहीं देती है, जो उसका पैतृक पेशा न हो भले ही वह उसमे पारंगत हो। इस 4. उत्तर-

5. उत्तर- प्रकार पेशा परिवर्तन की अनुमति न देकर जाति प्रथा भारत में बेरोजगारी का एक प्रमुख कारण बनी हुई है। लेखक ने पाठ में किन प्रमुख पहलुओं से जाति प्रथा को एक हानिकारक प्रभा के रूप में दिखाया है? लेखक ने पाठ में जाति प्रथा को श्रम विभाजन के पहलू से. आर्थिक पहलू से तकनीक के पहलू से तथा लोकतंत्र के पहलू से भी एक हानिकारक प्रथा के

रूप में दिखाया है।

सच्चे लोकतंत्र की स्थापना के लिए लेखक ने किन विशेषताओं को आवश्यक माना है? सच्चे लोकतंत्र की स्थापना के लिए लेखक ने यह आवश्यक माना है कि समाज में गतिशीलता होनी चाहिए जिससे कोई भी वांक्षित परिवर्तन समाज के

6.

उत्तर- एक छोर से दुसरे छोर तक संचारित हो सके। ऐसे समाज के बहुविधि हितो से सबका भाग होता चाहिए तथा सबको उनकी रक्षा के प्रति सजग रहना चाहिए। लोकतंत्र मूलतः सामूहिक जीवनचर्चा की एक रीति तथा समाज के सम्मिलित अनुभवों के अदान-प्रदान का नाम है। इसमें यह आवश्यक है कि अपने साथियों के प्रति श्रद्धा व सम्मान का भाव है।

7. खोखा किन मामलों में अपवाद था?

उत्तर- खोखा अपने माता-पिता की दलती उम्र में पैदा हुआ था इसलिए वह प्रकृति के नियम का अपवाद था। खोखा के माता-पिता को उससे पहले सिर्फ लड़‌कियों थी इसलिए उसे प्यार दुलार के नाम पर सभी तरह की आजादी थी। उसके विध्वंशक कार्यों में भी उसके माता-पिता उसमें इंजिनियर बनने की संभावना को देखते थे, जबकि बेटियों को वे सिर्फ यह सिखाते थे कि उसे क्या नहीं करना चाहिए। इस तरह खोखा हरेक मामलों में अपवाद था। मदन और ड्राइवर के बीच के विवाद के द्वारा कहानिकार क्या बताना चाहता है?

8.

उत्तर- मदन और ड्राइवर के बीच के विवाद के द्वारा कहानिकार समाज में फैली असमानता के बारें में बताना चाहता है एक गरीब बच्चा जब गाड़ी को छुकर

देखना चाहता है तो उसे ढ़केलकर गिरा दिया जाता है लेकिन वही पर अगर एक अमीरजादा गाड़ी को नुकसान भी पहुँचाता है तो उसमें इंजीनियर बनने की संभावना देखी जाती है। इस विवाद के द्वारा कहानिकार गरीब के अन्दर में पनपते विरोध को भी बताना चाहते थे क्योंकि मदन बार-बार ड्राइवर पर झपटता हैं।

काशू और मदन के बीच झगड़े का कारण क्या था? इस प्रसंग के द्वारा लेखक क्या दिखाना चाहता है?

9.

उत्तर- काशू और मदन के बीच झगड़े का कारण लट्टू का खेल था जिसे गली के लड़के गली में खेल रहे थे। जब काशू गली में पहुँचता तो बच्चों को खेलते देखकर काशू का मन भी खेलने के लिए मचल गया। जिसे खेल का नेता मदन जो उसके द्वारा अपमानित हुआ उसे खेलने नहीं दिया। इसपर काशू ने मदन को एक घूँसा मारा। फिर मदन ने भी उसे मारकर उसे घर पहुँचा दिया।

इस प्रसंग के द्वारा लेखक दिखाना चाहते हैं कि अगर बच्चों के बीच में बड़े लोग नहीं आएँ तो गरीब का बच्चा मी कमजोर नहीं होता है। वह अपने अपमान का बदला खूद ले सकता है।

विष के दाँत के शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट कीजिए। उत्तर- कहानी का शीर्षक है “विष के दाँत कहानी की शुरूआत अमीरों के अहंकार से हुई है। अमीरों के अहंकार को लेखक ने “विष दाँत” कहा है। अपनी अमीरी के कारण ही सेन साहब हमेशा मदन को उपेक्षा की भाव से देखते हैं और उसके पिता को अपमानित करते है तथा उसे दंडित करवाते है। अपने पुत्र की बुराई को उसके इंजीनियर बनने की संभावना बताते है। कहानी के अंत में मदन ने अपने अपमान का बदला काशू के दाँत को तोड़कर लिया है।

10.

आपकी दृष्टि में “विष के दाँत’ शीर्षक कहानी का नायक कौन है? तर्कपूर्ण उत्तर दें।

यहाँ काशू का दाँत तोड़ना उसके अहंकार का मर्दन करना है। इसलिए कहानी का शीर्षक “विष के दाँत” बिल्कुल सार्थक है। उत्तर – हमारी दृष्टि में कहानी का नायक मदन है, क्योंकि इस कहानी द्वारा लेखक अहंकार रूपी बुराई को दिखाते है. बुराई का अंत करने वाला ही तो नायक करती है।

11.

12. होता है. कहानी का अंत मदन के द्वारा काशू के दो दाँत तोड़ने से हुआ है इस तरह कहानी मदन को ही नायक के रूप में प्रस्तुत “समस्त भूमंडल में सर्वविद् सम्पदा और प्राकृतिक सौदर्य से परिपूर्ण देश भारत है, लेखक ने ऐसा क्यों कहा है?

उत्तर- समस्त भूमंडल में सर्वविद् सम्पदा और प्राकृतिक सौदंर्य से परिपूर्ण देश भारत है, लेखक ने ऐसा इसलिए कहा है, कि यहीं सब कुछ है, यहाँ सभी तरह के लोगों की जिज्ञासा की शान्ति के लिए हर चीज मौजूद है, लेखक जो कुछ देखना चाहते है, यह उसे भारत में ही मिल जाता है. लेखक की दृष्टि में सच्चे भारत का दर्शन कहाँ हो सकता है, और क्यों?

13.

उत्तर-

लेखक की दृष्टि में सच्चे भारत का दर्शन भारत के गावों में हो सकता है, क्योंकि वहाँ प्राकृति सुषमा विराजमान है, शहरों मे तो प्रकृति का विनाश हो गया

वहाँ तो चारों तरफ कृत्रिमता का साम्राज्य है. गाँवों में ही कृष्ण की क्षति के साथ-साथ सुबह की गुनगुनाहट और शाम की लोरी व्याप्त है। धर्मो की दृष्टि से भारत का क्या महत्व है? उत्तर- धर्मो की दृष्टि से भी भारत का स्थान बहुत महत्वपूर्ण है. यहाँ धर्म के वास्तविक उद्भव, उसके प्राकृतिक विकास तथा उसके अपरिहार्य क्षीयमाण रूप का

14.

प्रत्यक्ष परिचय मिल सकता है, भारत ब्राह्मण या वैदिक धर्म की भूमि है, बौध धर्म की यह जन्मभूमि है, पारसियों के जरथुष्ट धर्म की यह शरणस्थली है, आज भी यहाँ नित्य नए मत-मतान्तर प्रकट व विकसित होते रहते हैं? भारत किस तरह अतीत और सुदुर भविष्य को जोड़ता है? स्पष्ट करें। 15.

उत्तर- भारत अतीत और सुदुर भविष्य को जोड़ता है, यहां ऐसी भी चीजे मिलती है, जो किसी पुरातन विश्व में ही सुलभ हो सकते यहाँ वर्तमान और भविष्य की समस्या चाहे लोकप्रिय समस्या से सम्बद्ध हो या उच्च शिक्षा, चाहे संसद में प्रतिनिधित्व की बात हो अथवा कानून बनाने की बात हो, चाहे प्रवास संबंधी कानून हो अथवा कुछ सीखने या सिखाने जैसी बात हो यहाँ सब उपलब्ध है,

16. बढ़ते नाखुनों के द्वारा प्रकृति मनुष्य को क्या याद दिलाती है?

बढ़ते नाखुनों के द्वारा प्रकृति मनुष्य को याद दिलाती है कि तुम वही लाख वर्ष के पहले के नखं दतांक्लंबी जीव हो- पशु के साथ एक ही सतह पर

उत्तर- विचरण करने वाले और चरने वाले।

17. लेखक द्वारा नाखुनों के अस्त्र के रूप में देखना कहाँ तक संगत है?

उत्तर- लेखक द्वारा नाखुनों को अस्त्र के रूप में देखना उचित ही है, क्योंकि आदिमानव का मुख्य अस्त्र ही था दांत भी अस्त्र के रूप में था परन्तु नाखुन के बाद उस समय वे अपने प्रतिद्वंद्वियों को नाखूनों से ही पछाड़ता था आज भी मानव जब अकेले किसी से लड़ेगा और उसके पास कोई अस्त्र नहीं होगा तो वह सर्वप्रथम इसी का प्रयोग करेगा। मनुष्य बार-बार नाखुनों को क्यों काटता है? 18.

उत्तर- मनुष्य बार-बार नाखुनों को इसलिए काटता है, क्योंकि वे रोज बढ़ते है, वे रोज इसलिए बढ़ते है, क्योंकि वे अंधे है, नहीं जानते कि मनुष्य को इससे कोटि-कोटि गुणा शक्तिशाली अस्त्र मिल चूका है।

19. लेखक क्यों पूछता है कि मनुष्य किस ओर बढ़ रहा है, पशुता की ओर या मनुष्यता की ओर? स्पष्ट करें।

उत्तर- लोग अस्त्र-शस्त्र बढ़ा रहे है, इसलिए लेखक पूछते है, कि मनुष्य किस ओर बढ़ रहा पशुता की ओर या मनुष्यता की ओर।

20. देवनागरी लिपि में कौन-कौन सी भाषाएँ लिखी जाती है?

उत्तर- हिंदी भाषा तथा इसकी विविध बोलियों, नेपाली, मराठी तथा संस्कृत भाषा देवनागरी लिपी में लिखी जाती है।

21. लेखक ने किन-किन भारतीय लिपियों से देवनागरी का संबंध बताया है?

उत्तर- लेखक ने गुजराती, बांग्ला, तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम लिपियों देवनागरी लिपि का संबंध बताया है।

22. अपने शब्दों में पहली बार दिखे बहादुर का वर्णन कीजिए।

उत्तर- एक लड़का था जिसका नाम दिल बहादुर था उसकी उम्र लगभग बारह-तेरह वर्ष की थी उसका शरीर स्वस्थ्य, रंग गोरा और मुह चपटा था वह सफेद नेकर आधी बाँह की सफेद कमीज और भूरे रंग का पूराना जूता पहने था उसके गले में स्काउटों की तरह एक रूमाल बंधा हुआ था।

23. बहादुर अपने घर से क्यो भाग गया था?

उत्तर- बहादुर की माँ अकसर उसे पीटती थी जिससे तंग आकर बहादुर अपने धर से भाग गया है, बहादूर घर का बड़ा लड़का था माँ चाहती थी कि वह कुछ

काम करें वह नहीं करता था इसलिए वह मार खाता था।

24. उत्तर- घर के सभी लोगों का व्यवहार बहादूर के प्रति खराब हो गया था उसे किसी से भी प्यार नहीं मिलता था सभी उसे मारते-पीटते लगे थे। अंत में लेखक ने भी उसे पीटा दूसरे दिन उससे फिर गलती हो गई थी उसके हाथ से सिलबट्टा गिरकर टूट गया था इसलिए बहादूर ने उस दिन लेखक का घर छोड़

किन कारणों से बहादूर ने एक दिन लेखक का घर छोड़ दिया?

25. उत्तर- लेखक के रिश्तेदारों ने बहादुर पर ही चोरी का अरोप इसलिए लगाया क्योंकि वह घर का नौकर था उन्होंने बच्चो को पैसे नहीं देने के लिए यह बहाना

26. उत्तर- जो लोग साहित्य में युग परिवर्तन करना चाहते है जो लकीर के फकीर नहीं है जो रूढ़िया तोड़कर साहित्य रचना चाहते है, उनके लिए परम्परा का ज्ञान सबसे ज्यादा आवश्यक है, क्योंकि ये लोग समाज में बुनियादी परिवर्तन करके वर्गहीन शोषणमुक्त समाज की रचना करना चाहते है। ये अपने सिद्धान्तों को

दिया। बहादूर पर ही चोरी का आरोप क्यों लगाया जाता है और उस पर इस आरोप का क्या असर पड़ता है?

बनाया था अगर बच्चों को चोर बनाते तो लेखक उन्हे बर्दाश्त नहीं करते और वे महानुभाव पकड़े जाते नौकर गरीब होता है। इस कारण उसे नीच कहकर

उस पर चोरी का आरोप लगाया जाता है।

बहादूर पर इस आरोप का बहुत बुरा असर पड़ता है सभी उसे दुरदुराने लगे इसलिए वह उदास रहने लगा और काम में लापरवाही बरतने लगा।

परम्परा का ज्ञान किसके लिए सबसे ज्यादा आवश्यक है और क्यो?

ऐतिहासिक भौतिकवाद के लिए इतिहास का है वही आलोचना के लिए साहित्य की परम्परा का है। 27. बहुजातीय राष्ट्र की हैसियत से कोई भी देश भारज का मुकाबला क्यों नहीं कर सकता?

उत्तर- बहुजातीय राष्ट्र की हैसियत से कोई भी देश भारत का मुकाबला इसलिए नहीं कर सकता क्योंकि किसी भी राष्ट्र के विकास में कवियों की ऐसी निर्णायक

भूमिका नहीं रही जैसे इस देश में व्यास और वाल्मिकी की है।

28. लखनऊ और रामपूर से बिरजू महाराज का क्या संबंध है?

उत्तर- लखनऊ में प० बिरजू महाराज का जन्म हुआ था। रामपुर में उनकी बहनों का जन्म हुआ था वहीं वे भी बहुत दिनों तक रहे थे। उनके पिताजी रामपूर में

22 साल तक रहे था। 29. बिरजू महाराज का गुरू कौन था उनका संक्षिप्त विवरण दीजिए।

उत्तर- बिरजू महाराज के गुरु उनके पिताजी ही थे उनका नाम लच्छू महाराज था वे रामपुर के नवाब के यहाँ नौकरी करते थे वे समय के साथ चलने वाले थे रामपूर के नवाब चाहते थे, कि उनका बेटा भी उनके यहाँ रहे ये उन्हे मंजूर नहीं था नौकरी छूट गयी तो वह खुश हुए और हनुमान जी को प्रसाद चढ़ाए जब वे मात्र 54 वर्ष के ही थे, कि उन्हें लु लग गई थी वे बीमारी को छिपाते रहे कुछ ही दिनों के बाद पिताजी की मृत्यू हो गई।

30. उत्तर- हर बरस आविन्यों में फ्रांस और यूरोप का एक अत्यंत प्रसिद्ध और लोकप्रिय रंग समारोह हुआ करता है।

हर बरस आविन्यों में कब और कैसा समारोह हुआ करता था?

31. मछली और दीदी में क्या समानता है? स्पष्ट करें।

उत्तर- मछली और दीदी में यह समानता है कि दोनो अपने प्रेम के लिए तड़प रहे थे जल से मछली को इतना गहरा प्रेम होता है, कि वह उसके बिना जिंदा नही रह सकती इसलिए जल से अलग होकर तड़प रही थी। दीदी को नरेन नामक लड़के से प्रेम था वह घर आने वाला था शायद उनके पिताजी उससे मिलने के लिए मना करते थे इसीलिए वह तड़प रही थी। साड़ी से मुँह ढ़ांपकर सुबक रही थी

32.

उत्तर-

33. डुमराँव की महत्ता किस कारण है?

संतु मछली लेकर क्यों भागा?

संतु मछली लेकर कुँए में डालने के लिए भागा ताकि मछली जिन्दा होकर बड़ी हो जाए।

उत्तर- डुमरॉव की महत्ता इसलिए है, क्योंकि यहाँ भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ का जन्म हुआ था। शहनाई और डुमराँव एक-दूसरे के लिए उपयोगी है. शहनाई बजाने के लिए रीड का प्रोग होता है, रीड अंदर से पोली होती है, जिसके सहारे शहनाई को फूंका जाता है, रीड नरकट (एक प्रकार की घास) से बनी होती है, जो डुमरांव के आसपास की नदियों के कछारों में पाई जाती है।

34.

गाँधी जी बढ़िया शिक्षा किसे कहते है?

उत्तर – गाँधी जी बढ़िया अहिंसक प्रतिरोध को कहते है वे कहते है कि इस शिक्षा का ज्ञान बच्चों को मिलनेवाली साधारण अक्षर-ज्ञान की शिक्षा के बाद नहीं अपितु पहले सिखानी चाहिए वे कहते है कि बच्चे को वर्णमाला लिखने और सांस्कारिक ज्ञान देने के पहले यह सब सिखना चाहिए कि आत्मा क्या है। सत्य क्या है, प्रेम क्या है, और आत्मा में क्या-क्या शक्तियों छुपी हुई है। शिक्षा का जरूरी अंग यह होना चाहिए कि बालक जीवन संग्राम में प्रेम से घृणा को, सत्य से असत्य को और कष्ट सहने से हिंसा को आसानी के साथ जीतना सीखें।

शिक्षा का ध्येय गाँधी जी क्या मानते थे? शिक्षा का ध्येय गाँधी जी चरित्र निर्माण मानते थे, वे मानते थे कि साहस, बल, सदाचार और बड़े लक्ष्य के लिए काम करने में आत्मोत्सर्ग की शक्ति का 35. उत्तर-

विकास साक्षरता से ज्यादा महत्वपूर्ण है, किताबी ज्ञान तो उस बड़े उद्देश्य का एक साधनमात्र है. उनका ख्याल अपना काम आपने आप संभाल लेगा। 36. गाँधी जी के अनुसार शिक्षा का जरूरी अंग क्या होना चाहिए।

उत्तर- बालक जीवन संग्राम में प्रेम से घृणा को जीतना सीखे सत्य से असत्य को पराजित करने की कला से परिचित हो तथा अहिंसा से हिंसा पर विजय पाने

का बल अपने भीतर पैदा कर सके।

37. कवि की दृष्टि से ब्रह्म का निवास कहाँ है?

उत्तर-

कवि की दृष्टि से ब्रह्म का निवास उस व्यक्ति के हृदय में है जिस व्यक्ति को काम, क्रोध, लोभ छू नहीं पाया है।

38. कवि ने माली-मालिन किसे और क्यों कहा है?

उत्तर- कवि ने माली-मालिन कृष्ण और राधा को कहा है क्योंकि माली और मालिन बगीचे के रखवाले होते है। कृष्ण और राधा भी प्रेम रूपी बाटिका के रखवाले और

39.

उत्तर-

40. प्यासी हो जाती है।

उत्तर- कवि ने प्रेम मार्ग को अत्ति सूधों इसलिए कहा है, क्योंकि इस राह पर जो सच्चे दिल से चलता है, इसे इसकी प्राप्ति होती है।

45.

उत्तर-

माली-मालिन ही है।

कृष्ण को चोर क्यों कहा गया है? कवि का अभिप्राय स्पष्ट करें।

कृष्ण को चोर इसलिए कहा गया है क्योंकि जो उनको देखता है। उसका चित्र कृष्ण में अटक जाता है, उसका अपने चित पर कोई बस नहीं रता है। यहाँ पर कवि का अभिप्राय है कि कृष्ण की सुरत ऐसी मोहिनी है कि कोई उसे देखने के बाद होश में नहीं रहता है। उसकी सुध-बुध खो जाती है. उसका मन सिर्फ कृष्ण की छवि की

कवि प्रेम मार्ग को ‘अति सूघो’ क्यो कहता है और इस मार्ग की विशेषता क्या है?

इस मार्ग की यह विशेषता है कि इसमें सिर्फ कुछ लोग ही चल सकते है, जो चतुराई करते है। उनके प्रेम का नाश हो जाता है। ऐसा इसलिए मानते है कि हमे ईश्वर की प्राप्ति हृदय से होती है जब छल, प्रपंच, हृदय में आ जाएगा तो हृदय मैला हो जाएगा फिर उसमें ईश्वर कैसे आ पाएँगें। कवि कहा अपने आशुओं को पहँचाना बाहता है और क्यों?

कवि अपने प्रेमिका सुजान के लिए बिरह वेदना को प्रकट करते हुए बादल से अपने प्रेमिका को पहुँचाने को कहता है। वह अपने आँशुओं को सुजान के आँगन में पहुँचाना चाहते है, क्योंकि वह उसकी याद में व्यथित है और अपनी व्यथा के आँशुओं से प्रेमिका सुजान को भींगा देना चाहते है।

43. कवि समाज के किस वर्ग की आलोचना करता है?

उत्तर- कवि समाज के उत्सत वर्ग की अलोचना करते है, जिस वर्ग के लोग सम्पन्न है और अपनी सम्पन्नताा के बल पर अंग्रेज बन रहे है। उनकी शिक्षा-दीक्षा अंग्रेजी में हुई उनका पहनावा, उनकी जीवन शैली, उनकी हर चीज में अग्रेजियत दिखाई पड़ता है।

44, नेताओं के बारे में कविवर प्रेमधन की क्या राय है।

उत्तर- नेताओं के बारे में कवि की राय है कि जिनसे अपने देश का पहनावा, धोती सम्हलती नदी वे देश को क्या संभालेंगे अर्थात् जिन्हे अपनी सभ्यता और संस्कृति संभालना नही आता वे देश की नहीं संभाल पॉएगे।

45. भारतमाता अपने ही घर में प्रवासिनी क्यों बनी हुई है?

उत्तर- भारत गुलाम है। यहाँ की जनता अत्यन्त ही गरीब है। इसकी आँखों में हमेशा आँसु भरे होते है, युग-युग से गुलाम होने के कारण इसका मन अत्यन्त दुखी है. यहीं दूसरों का राज है. इसलिए भारतमाता अपने ही घर में प्रवासिनी है।

46, कविता में कवि भारतवासियों का कैसा चित्र खीचता है।

तरह व्यवहार होने लगे है। उनकी जीवन-शैली भी विदेशीयों की तरह हो गई है।

उत्तर- कविता में कवि दुखी, मैले कुचैले वस्त्र पहने आँखों में आसु लिए, मुखे, नंगेशोषित, मूर्ख, कुंठित मन, कौंपते ओठो वाले निर्धन भारतवासियों का चित्र खिंचता है।

47.

उत्तर- कवि ने जनता के स्वप्न का चित्र इस तरह खींचा है कि ऐसा प्रतीत होता है, मानों यहाँ राज्याभिषेक राजा का नहीं बल्कि प्रजा का हो रहा है वे कहते है कि जनता का स्वप्न अजेय है, उनका हृदय अंधकार को चीरते हुए आगे बढ़ रहा है, उसकी छाती विजय के गर्व से फुलती हुई दिखाई पड़ती है। जनता को लग रहा हैं कि सबसे बड़ा जनतंत्र आ गया है।

48. कवि की दृष्टि में आज के देवता कैन है और वे कहीं मिलेंगे?

उत्तर- कवि की दृष्टि में आज के देवता देश की गरीब और मेहनती जनता है, वे देवता किन्हीं सड़कों पर मिट्टी तोड़ते हुए मिलेंगें किन्ही खेतों में या खलिहानों में काम

49. छायाएँ दिशाहीन सब ओर क्यों पड़ती है? स्पष्ट करें।

उत्तर- अचानक परमाणु विस्फोटक के कारण वहाँ की हर चीज के जहाँ-तहीं चिथड़े उड़ गये इसलिए कवि ने इस कविता में कहा है. इस सूर्य के उदय होने पर छायीए दिशाहीन सब ओर पढ़ती है।

50. मनुष्य की छायाएँ कहा और क्यों पड़ी हुई है।

कवि जनता के स्वप्न का किस तरह चित्र खींचता है?

करते हुए मिलेगे।

उत्तर- मनुष्य की छायाँए झुलसे हुए पत्थरों और उजड़ी हुई सड़को पर पड़ी हुई है।

51.

उत्तर- कवि को वृक्ष बुढ़ा चौकीदार इसलिए लगता था क्योंकि वह उनके घर के दरवाजे के सामने हमेशा तैनात मिलता था उसके शरीर पर पुराने चमड़े का कपड़ा खाकी वर्दी सा लगता था। उसकी सूखी डाल राइफल-सी दिखाई पड़ती थी वृक्ष के फुल पगड़ी-सी लगती और वह हमेशा सर्दी-गर्मी की परवाह किए बिना

52. दरवाजे पर तैनात रहता था। वृक्ष और कवि में क्या संवाद होता था?

उत्तर- वृक्ष और कवि में संवाद होता था वृक्ष अपनी जगह रहता जब कभी कवि अपने घर आते वृक्ष दूर से ही पूछता तुम कौन हो?

53.

उत्तर- मक्खी के जीवन क्रम के उल्लेख के बहाने कवि ने समाज के उन कमजोर वर्गों के जीवन का उल्लेख किया है, जिसे जीने के साधन के रूप में कुछ भी नहीं मिला है वे जन्म लेते है और कीड़े-मकोड़े की तरह अपनी उम्र को जिए बिना ही मर जाते है, समाज के सम्पनन अत्याचारी वर्ग अपनी स्वार्थपूर्ति के लिए उन्ही

54, को अपना मोहरा बनाते है, और इसकी परिणति होती है, उन गरीबों की मौत।

उत्तर- कवि ने समाज के सम्पन्न वर्गों को अत्याचारियों के रूप में प्रस्तुत किया है, जो गरीबों को अपनी हर चाल का मोहरा बनाते है, यहीं पर कवि ने इनका जिक्र कर हमें यह बताने की कोशिश की है, कि गरीब भी देवी की पूजा के लिए कुछ साधन जुटा ही लिए बावजूद इसके अत्याचारियों ने उन्हें कुछ भी नहीं दिया बहुत

55. उत्तर कविता में क का विवरण किजिए।

मनुष्य की ये छायाएँ उसे क्षत-विक्षत शव के रूप में मनुष्य की उस सोच की साक्षी के रूप में पड़ी हुई है जिस सोच में मनुष्य मनुष्य का दुश्मन है।

कवि को वृक्ष बुढ़ा चौकीदार क्यों लगता था?

कवि कहते मैं तुम्हारा दोस्त हूँ। मक्खी के जीवन क्रम का कवि द्वारा उल्लेख किए जाने का क्या आशय है?

कवि किन अत्याचारियो का जिक्र करता है?

तड़पाया और बहुत लूटा।

– कविता में क’ को कबुतर जैसा कहा गया है क्योंकि ‘क’ से कबुतर होता है इसलिए जब बच्चा इसे लिखता है तो वह पक्ति के नीचे आ जाता है कबुतर के

56, उत्तर- बेटे के लिए ड. क्या है और क्यों?

57. बेटे के आसू कब आते है, और क्यों?

उत्तर- पड़ती है, इस कारण उसके आखों में आँसू निकल पड़ते है।

58. कवि किस तरह के बंगाल में एक दिन लौटकर आने कि बात करता है?

उत्तर- कवि धान के खेत वाले बंगाल बहती नदी वाले बगाल हरी घास टाले बंगाल कटहल की छाया वाले बंगाल मैदान वाले बंगाल नदियों के किनारे वाले बंगाल तथा

59. कवि अपने को जलपात्र और?

उत्तर-

60.

उत्तर- कवि ईश्वर की भक्ति करते है, इसलिए उनकी सेवा में उन्होंने अपने आपको जलपात्र और मदिरा के रूप में प्रस्तुत कर दिया है, और वे प्रभु से कहते है, कि जब

61. शानदार लबादा किसका गिर जाएगा और क्यों?

उत्तर-

62. मर्गम्मा का अपनी बहू के साथ किस बात को लेकर विवाद था?

फुदकने की आदत की तरह।

बेटे के लिए ‘ड’ माँ और बेटा है, जिस तरह मों और बेटा है, जिस तरह माँ बेटे को अपनी गोद में रखती है, उसी तरह ‘ड़ उसे मों और उसका बिन्दु () बेटा

लगता है, क्योंकि वह ‘ड’ उसे के आगे ‘ड’ में बेटा बना गोद में रहता है.

‘ड’ को बच्चा मी और बेटा समझता है. और वह उसे नहीं लिख पाता है. बार-बार प्रयास करता है फिर भी नहीं लिख पाता है, इसलिए उसे अपनी हार मालूम

रंगीन बादलों वाले बंगाल में एक दिन लौटकर आने कि बाद करता है।

कवि धान के खेल वाले बंगाल, बहती नदी वाले बंगाल हरी घास वाले बंगाल कटहल की छाया बाले बंगाल, मैदान वाले बंगाल नदियों के किनारे वाले बंगाल तथा

रंगीन बादलों वाले बंगाल में एक दिन लौटकर आने की बात करता है।

कवि अपने को जलपात्र और मदिरा क्यों कहता है?

जलपात्र टूट जाएगा और मदिरा सूख जाएगी तो प्रभु की भक्ति किस प्रकार हो सकेगी कवि अपने आपको ईश्वर की पूजन सामग्री बनाने के लिए ही जलपात्र

और मदिरा कहते है।

शानदार लबादा ईश्वर का गिर जाएगा क्योंकि जब ईश्वर अपने भक्त को सुख नहीं देंगें उसपर कृपा दृष्टि नहीं देंगें तो भक्त बरबाद हो जाएगा जब भक्त बरबाद

हो जाएगा तो उनके सुख की चिंता कौन करेगा।

उत्तर- मगंम्मा की बहू ने उसके पोते अर्थात अपने बेटे की

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top