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Bihar board chemistry vvi subjective question answer 2025

Q.1. वताइए क्यों-

(a) HF, HI की तुलना में दुर्बल अम्ल है।

Ans. HF में उच्च विद्युत ऋणात्मकता के कारण प्रबल अन्तराण्विक आकर्षण कार्य करता है। अतः यह कम मात्रा में आयनित होता है। अतः यह HI की तुलना में दुर्बल अम्ल है।

(b) अक्रिय गैसों में केवल Xe ही सही रासायनिक यौगिक बनाता है।

Ans. अक्रिय गैसों की रासायनिक क्रियाशीलता कम होती है। इनका बाह्यतम कोश पूर्ण होता है। इनकी आयनन ऊर्जा उच्च होती है। इनकी इलेक्ट्रॉन बन्धुता शून्य होती है। परन्तु Xe

परमाणु का आकार एवं L.P. अन्य अक्रिय गैसों की तुलना में क्रमशः बड़ा एवं अपेक्षाकृत कम होता है। Xe परमाणु के अंतिम कक्षा में व उपकक्षाएँ भी मौजूद है। इसलिए युग्मित इलेक्ट्रॉन d- उपकक्षाओं में जाकर अयुग्मित हो सकती है। ये अयुग्मित इलेक्ट्रॉन अधातुओं के इलेक्ट्रॉन के साथ युग्मन कर सह-संयोजन आबंधों का निर्माण कर सही रासायनिक यौगिक बनाता है।

Q.2. निम्नलिखित के कारण दें :

(a) सल्फ्युरस अम्ल आक्सीकारक और अवकारक दोनों की तरह कार्य करता है। (b) क्लोरीन का विरंजक गुण स्थायी है जबकि सल्फर डायक्साइड का अस्थायी है। Ans. (a) H2SO3 अवकारक की तरह कार्य करता है।

सल्फर की अधिकतम आँक्सीकरण संख्या 6 है तथा निम्नतम ऑक्सीकरण संख्या -2 है। जबकि H₂SO₄ में सल्फर की ऑक्सीकरण संख्या +4 जो अधिकतम तथा निम्नतम के बीच में है। इसलिए यह ऑक्सीकारक तथा अवकारक दोनों जैसा व्यवहार करता है।

Ans. (b) Cl₂ का विरंजक गुण: इसमें विरंजन क्रिया स्थायी होती है क्योंकि यह ऑक्सीकरण द्वारा होता है।

 

.3///. निम्न की व्याख्या करें :

(a) क्लोरोएसीटिक अम्ल एसीटिक अम्ल से अधिक अम्लीय है।

(2015)

b) एनीलीन मिथाइल एमीन से कमजोर भस्म है।

( Ans. (a) क्लोरोएसीटीक अम्ल एसीटीक अम्ल से अधिक अम्लीय है क्योंकि क्लोरो- एसीटीक अम्ल में क्लोरीन में प्रभाव के कारण H+ आयन आसानी से मुक्त हो जाते हैं।

(b) मिथाइल ऐमीन में एल्काइल के +/ प्रभाव के कारण तथा एनीलीन में एकाकी

एलेक्ट्रॉन युग्म नाइट्रोजन परमाणु पर रहता है। अतः आसानी से इलेक्ट्रॉन युग्म देने के

कारण एथीलीन मिथाइल एमीन से कमजोर भस्म होता है।

Q.112. क्यों एल्काइल फिनॉल ईथर का विखंडन HBr के साथ हमेशा फिनॉल और एल्काइल ब्रोमाईड उत्पन्न करता है, ब्रोमो बेंजीन और एल्केनॉल नहीं, क्यों? व्याख्या करें।

Ans. एल्किल फेनॉल ईथर HBr से प्रतिक्रिया कर सर्वप्रथम एल्किल फेनिल ऑक्सोनियम लवण बनाता है जिसमें O-CH, बंधन अनुनाद के कारण O-CH3 बंधन से अधिक मजबूत होता है। इसलिए आगे Br नाभिक स्नेही का आक्रमण अल्काईल कार्बन पर होता है जो अल्काईल ब्रोमाईड और फिनॉल बनाता है।

Q.102. धर्मोप्लास्टिक और धर्मोसेटिंग बहुलकों में क्या अन्तर है? प्रत्येक का एक- एक उदाहरण दें।

Ans. चर्मोप्लास्टिक : धर्मोप्लास्टिक रैखिक बहुलक है और विभिन्न श्रृंखलाओं के बीच दुर्बल वाण्डर वाल होते है। ये बलों इलास्टोमर व तन्तुओं के मध्यवर्ती पाये जाते हैं। जब गर्म करते है तब ये पिघलकर द्रव बनाते है जो ठण्डा होने पर कड़े ठोस हो जाते हैं। इस प्रकार इनको उपयुक्त साँचों द्वारा विभिन्न प्रकार के आकारों में ढ़ाल सकते हैं। उदाहरण- पॉलिथीन, पॉलिस्टाइरीन व पॉलिविनाइल आदि।

धर्मोसेटिंग प्लास्टिक : थर्मोसेटिंग प्लास्टिक प्रायः कम अणुभार वाले अर्द्धतरल पदार्थ है। जब गर्म करते हैं तब ये बहुलक श्रृंखलाओ के बीच में क्रॉस संयुग्मन होने के कारण कठोर एवं न गलनेवाले हो जाते है जिसके परिणामस्वरूप ये तीन विमीय प्रकृति के हो जाते हैं। उदाहरण- बेकेलाइट, मेलामीन फॉर्मल्डिहाइड व यूरिया फॉर्मल्डिहाइड, रेजीन।

Q.83. न्यूक्लिक अम्ल (Nucleic acid) क्या है? DNA एवं RNA में अन्तर बताइए।

Ans. न्यूक्लिक अम्ल महत्वपूर्ण जैव बहुलक है, जो सभी जीवित कोशिकानों में उपस्थित होता है। चे आनुवंशिक सूचनाओं को प्रदर्शित करने तथा उनको एकत्रित करने के लिए आवश्यक है। न्यूक्लिक अम्ल आनुवंशिक लक्षणों के स्थानान्तरण में तथा एन्जाइम के साथ प्रोटीन के जीव-संश्लेषण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

DNA और RNA में अन्तर DNA एवं RNA में निम्नलिखित अन्तर है-

1. DNA (डिऑक्सीराइबोस न्यूक्लीक अम्ल) में उपस्थित पेन्टोज शर्करा D-2 डिऑक्सीराइबोज होती है। जबकि RNA (राइबोस न्यूक्लीक अम्ल) में उपस्थित पेन्टीज शर्करा D-राइबोस होती है।

2. DNA साइटोसीन तथा थायमिन जैसे पिरिमिडीन धार तथा ग्वानिन एवं ऐडीनिन प्यूरीन की तरह रखता है। जबकि RNA साइटोसीन तथा यूरेसिल जैसे पिरिमिडीन धार तथा

ग्वानीन और ऐडोनीन जैसे प्यूरीन क्षार रखता है। 3. DNA पॉलिन्यूक्लियोटाइड की दोहरी श्रृंखला है। जबकि RNA पॉलिन्यूक्लियोटाइड की एकल श्रृंखला है।

4. DNA स्वयं द्विगुणन कर सकता है जबकि RNA, DNA के द्वारा बनता है तथा स्वयं द्विगुणन नहीं कर सकता है।

5. DNA के अणु अपेक्षाकृत बड़े होते हैं, जिनका अणुभार अधिक होता है। जबकि RNA के अणु अपेक्षाकृत छोटे होते है, जिनका अणुभार कम होता है।

6. DNA संरचना, उपापचय, विभेदीकरण तथा गुणों का एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में स्थानान्तरण नियंत्रित करता है। जबकि RNA प्रोटीन संश्लेषण को नियंत्रित करता है।

Q.74. आप आवश्यक एमीनो अम्ल से क्या समझते हैं?

(2020)

Ans. एमीनो अम्ल में ऐमीनी (NII₂) तथा कार्याविसल (COOH) प्रकार्यात्मक समूह उपस्थित होते है। ऐगीनों अम्ल सामान्यतः रंगहीन क्रिसलीय ठोस होते हैं। एमीनो अम्ल जो शरीर में संश्लेषित नहीं हो सकते है तथा उनको भोजन में लेना आवश्यक है, आवश्यक ऐमीनी अमल कहलाते है, जैसे- वैलीन, ल्यूसीन, आइसोल्यूसीन, आर्जिनीन, लाइसीन, विऑनीन, मेथाइओनिन, फेनिल ऐलानिन, ट्रिप्टोफेन, हिस्टिडीन आदि।

Q.75. BOD और COD से आप क्या समझते हैं?

(2019)

Ans. BOD: जैव रासायनिक ऑक्सीजन की मौग (BOD): एक निश्चित समयावधि मे निश्चित तापमान पर किसी दिए गए पानी के नमूने में उपस्थित कार्बनिक पदार्थ को तोड़ने के लिए ऐरोबिक जैविक जीवों द्वारा तोड़ी गई आक्सीजन की मात्रा है।

COD: रासायनिक ऑक्सीजन की माँग (COD): पानी में उपलब्ध कार्बनिक यौगिकों द्वारा जल से अप्रत्यक्ष रूप से क्रिया करने को COD कहा जाता है।

2.76. कृत्रिम मधुरक क्या है? दो उदाहरण दीजिए।

(2021)

Ans. (i) सैकरीन (Saccharin): सैकरीन कृत्रिम मधुरक के रूप में सबसे प्रमुख है। इसे आर्थोटालूईन सल्फोनामाइड के ऑक्सीकारक के द्वारा प्राप्त किया जाता है।

(ii) ऐस्यारटेम (Aspartame): सोडियम साइक्लोमेट पर प्रतिबन्ध के पश्चात यह बाजार में प्रचलन में आया। यह सुक्रोज से 100 गुना अधिक मीठा है। यह ऐस्पारटिक अम्ल तथा फेनिल

ऐलानिन के मैथिल एस्टर के अभिक्रिया द्वारा बनाया जाता है। Q.77. आवश्यक तथा अनावश्यक ऐमीनो अम्ल क्या होते हैं? प्रत्येक का उदाहरण

दीजिए।

(2021)

Ans. आवश्यक ऐमीनो अम्ल शरीर द्वारा संश्लेषित नहीं होते हैं। Ex.- Valine, Leucine, Isoleucine. अनावश्यक ऐमीनो अम्ल शरीर द्वारा संश्लेषित होते हैं। Ex.- Glycine, Alanine, Proline, Serine etc.

Q.78. प्रयोगशाला में क्लोरोफार्म कैसे बनाया जाता है? एल्कोहलीय KOH के घोल मैं यह C₂H₂NH₂ से कैसे अभिक्रिया करता है?

Ans. इथाइल अल्कोहल या एसीटोन, क्लोरोफार्म तथा जल के मिश्रण का श्रवण कर

प्रयोगशाला में बलोरोफॉर्म बनाया जाता है।

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