1. नारीवाद से आप क्या समझते हैं
उत्तर:- नारीवाद, स्त्री और पुरुष के बीच समानता की बात करने वाला आंदोलन है । नारीवादियों का मानना है कि सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक व्यवस्था में महिलाओं को पुरुषों की तुलना में कम अहमियत दी जाती है। नारीवाद का मुख्य उद्देश्य इसी असमानता को दूर करना है।
2. पैशाच विवाह को परिभाषित करें।
उत्तर:- पैशाच विवाह वह विवाह है जिसमें स्त्री एवं कन्या के साथ धोखा से शादी की जाती है। नशे में अथवा घबराई हुई अथवा सोई हुई कन्या से जबदरस्ती यौन सम्पर्क स्थापित कर लिया जाता है। इसमें लड़की का कोई दोष नहीं होता। इस लिए बाद में प्रतिष्ठा के लिए सामाजिक स्वीकृति दे दी जाती है। पैशाच विवाह को सबसे निम्न स्तर का विवाह समझा जाता है।
3. बहिर्विवाह क्या है?
उत्तर:- बहिर्विवाह उस विवाह को कहा जाता है जिसमें एक समूह के सदस्य अपने समूह के बाहर के सदस्यों से वैवाहिक संबंध बनाता है। या बहिर्विवाह का मतलब है, किसी जाति के एक छोटे समूह और निकट संबंधियों के वर्ग से बाहर विवाह करना ।
4. सामाजिक परिवर्तन में कंप्यूटर की भूमिका का उल्लेख करें।
उत्तरः- सामाजिक परिवर्तनों में कम्प्यूटर की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। कम्प्यूटर का प्रयोग हर कोई करने लगा है। इससे लोगो को ज्ञान आसानी से मिल जाता है और इसके साथ सूचनाओं का आदान-प्रदान भी आसान हो गया है। कम्प्यूटर के वजह से पूरी दुनिया एक कटोरे में आ गया है। दुनिया के बीच की दूरी समाप्त हो
गई है।
5. स्थानीय संस्कृति से आप क्या समझते हैं?
उत्तरः- स्थानीय संस्कृति वह साझा पहचान और अर्थ है जो किसी विशिष्ट स्थान, जैसे शहर, कस्बे या पड़ोस में उभरती है। इसमें वे मानदंड, भूमिकाएँ और अपेक्षाएँ शामिल हैं जो लोगों को एक समुदाय में साथ आने में मदद करते हैं।
6. बाल श्रमिक की दो समस्याओं का वर्णन करें।
बाल श्रमिकों के सामने अनेक समस्यायें हैं जो निम्न है:
(i) चिकित्सकीय सुविधा का अभाव, श्रम कल्याण एवं सामाजिक सुरक्षा की सुविधा नहीं है, जिसके कारण उनका शारीरिक एवं मानसिक विकास रुक जाता है।
(ii) शैक्षिक, खेल-कूद एवं मनोरंजन की सुविधा इन्हें नहीं मिलता है तथा समाज के लोग इन्हें हेय की दृष्टि से देखते हैं जिस कारण इनमें आक्रोश, तनाव, निराशा आदि भावनाए आ जाती हैं
7. सामाजिक स्तरीकरण की संक्षिप्त चर्चा करें।
समाज को अलग-अलग स्तरों में बांटने का व्यवस्था सामाजिक स्तरीकरण कहलाता है।
जैसे- उच्च-नीच, छोटा- बड़ा, अमीर-गरीब
सामाजिक स्तरीकरण की निम्नलिखित विशेषता है-
(i) सामाजिक स्तरीकरण प्रत्येक समाज में पाया जाता है।
(ii) इसकी प्रकृति सामाजिक होती है।
8. महिलाओं के प्रजनन अधिकार का विश्लेषण करें।
प्रजनन अधिकार, वे बुनियादी अधिकार हैं, जो बताते हैं कि सभी महिलाओं को यह फैसला करने का अधिकार होना चाहिए कि वे, कब और कितने बच्चे चाहती हैं या बच्चे पैदा करना चाहती है या नहीं, सुरक्षित गर्भ निरोधकों तक पहुँच होना, सुरक्षित गर्भपात हक प्राप्त करना आदि प्रजनन का अधिकार के अंतर्गत आता है।
9. साम्प्रदायिकता के किन्हीं दो कारणों पर प्रकाश डालें।
a. एक-दूसरे के धार्मिक और सांस्कृतिक क्रियाकलापों में अंतर और विरोध होना
b. छुआछूत और ऊंच-नीच की भावना
C. राजनीतिक दल चुनाव के समय वोटों की राजनीति से साम्प्रदायिकता को बढ़ावा देते हैं
d. सरकार और प्रशासन की उदासीनता
सीमांतीकरण का मतलब है किसी समाज या समूह के भीतर किसी व्यक्ति या चीन को कम महत्व, प्रभाव या शक्ति की स्थिति में रखना
10. भारत में जनजातियों के सीमांतीकरण के प्रमुख कारणों की चर्चा करें।
भारत में जनजातियों के सीमांतीकरण के प्रमुख कारणों हैं सबसे पहले, वे मुख्यधारा के भारतीय समाज से एक अलग संस्कृति, भाषा और परंपराओं का पालन करते हैं जो हमें उन्हें विदेशी, आदिम और पिछड़े के रूप में गलत वर्गीकृत करने के लिए प्रेरित करता है।
11. पितृसत्ता का क्या अर्थ है?
पितृसत्ता एक सामाजिक व्यवस्था है जिसमें स्त्रियों की तुलना में पुरुषों के पास प्रभुत्व और विशेषाधिकार के पद होते हैं। पितृसत्ता में, पुरुषों को समाज में उच्च माना जाता है। विवाह तथा परिवार से संबंधित नियम पुरुषों के पक्ष में होते हैं। वंश की परम्परा पित्ता के नाम से चलती है।
12. समेकित बाल विकास योजना की विवेचना करें।
समेकित बाल विकास योजना भारत में एक सरकारी कार्यक्रम है जो छह साल से कम उम्र के बच्चों और उनकी माताओं को सेवाएँ प्रदान करता है। कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण में सुधार करना और उनके शारीरिक, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक विकास की नींव रखना है।
13. मुखिया के चार कायर्यों का वर्णन करें।
ग्राम पंचायत का प्रधान मुखिया होता है। मुखिया के निम्नलिखित कार्य हैं- (i) शुद्ध जल की व्यवस्था- पंचायती राज संस्थाएँ गाँव में सफाई का प्रबन्ध करती है। गन्दे पानी के लिए नालियों और खाद एवं गंदगी डालने के लिए गड्ढे बनवा सकती है।
(ii) यातायात की सुविधा-ग्राम पंचायतें गाँवों में कच्ची व पक्की सड़कें बनवा सकती है। वे पुरानी सड़कों की मरम्मत करवा सकती है, उन पर रोशनी व छाया की व्यवस्था कर सकती है।
(iii) शिक्षा की व्यवस्था अशिक्षा की समस्या के समाधान के लिए पंचायतें प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षण संस्थाएँ खोल सकती है।
(iv) न्याय की व्यवस्था – ग्रामीणों को शीघ्र एवं सस्ता न्याय दिलाने की दृष्टि से ग्राम पंचायतें महत्त्वपूर्ण कार्य करती है। ये मुकदमों को गाँव में ही निपटाकर ग्रामीणों को आर्थिक संकट से उबारती है।
14. सामाजिक परिवर्तन के चार कारकों को नामित करें।
सामाजिक परिवर्तन के कारक-(1) शिक्षा
(ii) संचार के साधनों का विकास
(iii) लोगों की परस्पर निर्भरता
(iv) समाज का खुलापन
15. महिलाओं के अधिकारों की व्याख्या करें।
भारत में महिलाओं को अनेक प्रकार के अधिकार दिए गए हैं जिन्हें तीन रूपों में सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक में देखा जा सकता है- महिलाएँ चाहे वे विवाहित हों या अविवाहित, विधवा तथा तलाकशुदा सभी को बच्चों को दत्तक अधिग्रहण का अधिकार दिया गया है। महिलाओं को सम्पत्ति का अधिकार, समान पारिश्रमिक, कार्य करने की दशाएँ दी गई है।संविधान के आधार पर महिलाओं को मताधिकार और विधान मंडल के लिए चुनाव लड़ने का अधिकार प्राप्त है। साथ ही उन्हें ग्राम पंचायत एवं नगर निकायों में चुनाव लड़ने का अधिकार दिया गया है।
16. जनसंचार के चार साधनों का वर्णन करें।
जनसंचार के निम्नलिखित चार साधन हैं-
(i) टेलीविजन – वर्तमान युग में टेलीविजन या दूरदर्शन जनसंचार का सबसे प्रभावशाली साधन है। इससे सम्बन्धित जो कार्यक्रम, समाचार, सूचनाएँ वार्ताएँ और मनोरंजक कार्यक्रम लोगों तक पहुंचाएं जाते हैं।
(ii) रेडियो – भारत में रेडियो भी जनसंचार का महत्त्वपूर्ण साधन है। रेडियो द्वारा विभिन्न समाचार मिलने के साथ नाटकों एवं वार्ताओं के द्वारा ग्रामीणों को नयी- नयी जानकारियाँ मिलती हैं।
(iii) समाचार पत्र – प्रेस सरकार की नीतियों का मूल्यांकन करने का सबसे प्रभावशाली साधन है। इसमें लोगों को अपनी सामाजिक समस्याओं से लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक के विषयों के प्रति जागरूकता पैदा होती है।
(iv) इंटरनेट – इन्टरनेट में आज पूरी दुनिया की चीज़ देख सकते है ।
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17. राज्य की अवधारणा की विवेचना करें।
राज्य एक राजनीतिक इकाई है जो किसी क्षेत्र के भीतर जनसंख्या और समाज को नियंत्रित करता है। यह लोगों के एक समूह का राजनीतिक विभाजन है जो सीमाओं द्वारा परिभाषित क्षेत्र पर कब्जा करता है। एक राज्य अपने क्षेत्र में संप्रभु होता है और उसे अपने अंदर रहने वाले लोगों पर नियमों की एक प्रणाली लागू करने का अधिकार होता है।
18. धर्म सापेक्षीकरण का क्या अर्थ है?
धर्म सापेक्षीकरण का अर्थ है, पहले जिन वस्तुओं को धार्मिक दृष्टि से देखा जाता था उसके स्थान पर उन्हें तार्किक, बौद्धिक एवं लौकिक दृष्टिकोण को देखा जाता है। अर्थात् धार्मिक विश्वासों तथा क्रियाओं का स्थान गैर-धार्मिक विश्वासों और क्रियाओं द्वारा ले’ लेना ही धर्म सापेक्षीकरण है।”
19. संस्कृतिकरण के कारणों की चर्चा करें।
अधवा, संस्कृतिकरण को प्रोत्साहित करने वाली मुख्य दशाओं का उल्लेख करें।
संस्कृतिकरण को प्रोत्साहित करने वाली दशाओं में तीर्थ स्थान, यातायात एवं संचार के साधन, पश्चिमी शिक्षा, लोकतात्रिक व्यवस्था, निम्न जातियों के विशेषाधिकार, औद्योगिकीकरण, नगरीकरण तथा समाज सुधार आंदोलन आदि प्रमुख है। संस्कृतिकरण के फलस्वरूप आज जाति पर आधारित भारतीय समाज की परम्परागत संस्कृति में भी भारी परिवर्तन हुआ है। उदाहरण के लिए जातिगत नियम दुर्बल पड़ गये, समाज की शक्ति संरचना बदल गयी, निम्न जातियों की जीवन शैली में सुधार हुआ, स्थानीय गतिशीलता बढ़ने लगी तथा उच्च जातियों में असंस्कृतिकरण की दशा पैदा हुई।
20. जाति व्यवस्था पर औद्योगिकीकरण के प्रभावों का वर्णन करें।
आधुनिक अर्थव्यवस्था तथा सांस्कृतिक एवं राजनैतिक परिस्थितियों ने अनेक नवीन समूहों को जन्म दिया है। औद्योगिकीकरण के साथ-साथ समाज में दो नए
21. आधुनिकीकरण के विभिन्न क्षेत्रों को स्पष्ट करें।
उत्तर :- आधुनिकीकरण वास्तव में समाज के एक क्षेत्र में नहीं हो सकता है। यह बहुक्षेत्रीय प्रक्रिया होने के कारण प्रत्येक क्षेत्र से होकर चलता है। इनमें निम्नलिखित क्षेत्र महत्त्वपूर्ण हैं- राजनैतिक क्षेत्र में आधुनिकीकरण होने से राज्य द्वारा एकता एवं धर्म निरपेक्षता का दृष्टिकोण अपनाया जाता है। धर्म एवं लिंग के आधार पर भेदभाव न करके समानता को बढ़ावा देता है। राज्य में प्रजातंत्रीय प्रणाली अपनाई जाती है।
सामाजिक क्षेत्र में आधुनिकीकरण लाने के लिए सामाजिक समानता को कम किया जाता है। श्रेणीकरण की ऐसी व्यवस्था की जाती है कि व्यक्ति को समाज में अपने पद-बदल की स्वतंत्रता प्राप्त हो।
आर्थिक क्षेत्र में आधुनिकीकरण लाने के लिए देश में आर्थिक विकास पर अधिक ध्यान दिया जाता है।
22. महिलाओं के लिए सुधार आंदोलन की विवेचना करें।
19वीं शताब्दी के आरम्भ से ही भारतीय समाज में वैचारिक परिवर्तन आरम्भ हो चुका था। कुछ चिंतनशील व्यक्ति विधवा के पुनर्विवाह के बारे में सोचने लगे। समाज सुधारकों ने इस प्रकार की स्थिति को अनुचित और अन्यायपूर्ण माना, इसका विरोध किया और इसको परिवर्तन करने का प्रयास किया। राजा राममोहन राय के प्रयास से 1829 में सती प्रथा निरोधक कानून पारित हुआ। स्वामी दयानन्द सरस्वती ने आर्य समाज की स्थापना कर बाल-विवाहों को रोकने, पर्दा प्रथा को समाप्त करने और स्त्री शिक्षा को प्रोत्साहन देने का प्रयास किया। केशवचन्द्र सेन के प्रयासों के कारण 1872 में ‘विशेष विवाह अधिनियम’ पास हुआ, जिसके द्वारा लड़कियों के विवाह की आयु चौदह वर्ष, अंतर्जातीय विवाह एवं विधवा पुनर्विवाह को कानूनी मान्यता मिली। सन् 1874 में कानून द्वारा स्त्री-धन के क्षेत्र को विस्तारित किया गया। हिन्दू विवाह अधिनियम, 1955 के द्वारा परित्याग, न्यायायिक पृथक्करण एवं विशेष परिस्थितियों में विवाह विच्छेद की व्यवस्था की गई। हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम, 1856 के द्वारा पिता की सम्पत्ति में पुत्र के समान ही पुत्रियों को सम्पत्ति का अधिकार दिया गया।
23. भारत में क्षेत्रवाद के कारणों की विवेचना करें।
(1) राजनीतिक कारण (Political Factors): स्थानीय नेता अपने राजनीतिक स्वार्थों को पूरा करने के लिए एक क्षेत्र के निवासियों को संगठित होकर दूसरे क्षेत्रों के विरुद्ध उनमें तनाव पैदा करते हैं। उसके द्वारा ऐसा दुष्प्रचार किया जाता है कि दूसरे क्षेत्रों के विरुद्ध संगठित होकर ही उनकी आर्थिक समस्याएँ दूर हो सकती हैं। क्षेत्र की सीमाओं का निर्धारण, खनिज और जल सम्पदा के बँटवारे तथा रोजगार के अधिक अवसरों की माँगों को लेकर किये जाने वाले आंदोलन और उपद्रव भी क्षेत्रवाद की भावना को बढ़ाते हैं।
(II) सांस्कृतिक भिन्नताएँ (Cultural Diversities): प्रत्येक सांस्कृतिक क्षेत्र अपने आपको एक पृथक सांस्कृतिक समुदाय के रूप में देखने लगता है। इन
24. गोत्र बहिर्विवाह क्या है?
उत्तरः- गोत्र बहिर्विवाह (Gotra cxogamy):- बहिर्विवाह से आशय गोत्र से बाहर वैवाहिक सम्बन्ध स्थापित करने से है। गोत्र बहिर्विवाह के अनुसार एक गोत्र के सभी सदस्य स्वयं को एक वंश या एक रक्त से संबंधित मानते हैं और इसलिए अपने गोत्र में जन्में खी-पुरुष, बहन-भाई समझते हैं जिसके कारण अपने ही गोत्र के अंदर विवाह करना या संबंध स्थापित करना अनैतिक समझते हैं।
24. भारत में बहुदलीय प्रणाली की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?
उत्तरः- बहुदलीय व्यवस्था (Multiparty system):- जिस समाज में अनेक दलें सरकार बनाने के लिए प्रतिस्पर्धा करती हैं, उस समाज में बहुदलीय व्यवस्था होती है, जैसे भारत में बहुदलीय व्यवस्था है। बहुदलीय वाले समाजों में मतदाताओं के पास अधिक विकल्प होते हैं, जिनके द्वारा वे किसी भी दल को अपने मत द्वारा सरकार बनाने में सफल करते हैं। इस पद्धति में, संसद में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत प्राप्त न होने की स्थिति में स्थायी सरकार बनाने के लिए अन्य दलों से सहयोग लेते हैं।
25. संविधान के अनुसार सामाजिक न्याय का क्या अर्थ है?
उत्तर:- सामाजिक न्याय (Social justice):- सामाजिक न्याय की बुनियाद सभी मनुष्यों को समान मानने के आग्रह पर आधारित है। संविधान में सामाजिक न्याय को सबसे अधिक महत्त्व दिया गया, जिसके कारण जातियों के बीच ऊँच-नीच के नियम समाप्त हो गये तथा अनुसूचित जातियों और जनजातियों को आरक्षण की सुविधा मिलने के कारण उन्हें देश के आर्थिक और राजनीतिक जीवन में उच्च्च जातियों की तरह सहयोग करने का अवसर मिलने लगे।
26. नातेदारी से आप क्या समझते हैं?
उत्तरः- नातेदारी व्यवस्था (Kinship system):- नातेदारी व्यवस्था रिश्ते-नाते के आधार पर बने मानवीय संबंधों की एक व्यवस्था है। किसी समाज द्वारा मान्यता प्राप्त सुव्यवस्थित संबंधों की श्रृंखलाओं को नातेदारी व्यवस्था कहते हैं।
27. बिहार में बाल मजदूरी उन्मूलन में ‘धावा दल’ की भूमिका पर प्रकाश डालें।
उत्तर:- धावादल (Raid):- बिहार में धाबादल वैसे स्थानों जैसे होटल, डाबा, उद्योगों में जाकर छापामारी कर यह पता लगाता है कि 5-14 वर्ष का कोई बालक काम तो नहीं कर रहा है।
28. आधुनिकीकरण की परिमाप से आप क्या समझते हैं?
उत्तरः- आधुनिकीकरण (Modernization):- आधुनिकीकरण के निम्नलिखित है।
(i) अर्थव्यवस्था का औद्योगिकीकरण तथा उद्योग, कृषि, दुग्ध-उद्योग आदि में वैज्ञानिक तकनीकी धारण करके उन्हें अधिकाधिक उत्पादक बनाना, (ii) विचारों